ऋषिकेश: भगवान आद्यगुरु शंकराचार्य जी की जयंती पर शंकाराचार्य स्वामी माधवाश्रम समाधि संस्थान दण्डी वाडा मायाकुंड के द्वारा भव्य महोत्सव का आयोजन, नगर में निकली भव्य शोभायात्रा

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ऋषिकेश : (मनोज रौतेला)  शुक्रवार को  यानी  दिनांक 2-05-2025  भगवान आद्यगुरु शंकराचार्य जी की जयंती पर शंकाराचार्य स्वामी माधवाश्रम समाधि संस्थान दण्डी वाडा मायाकुंड के द्वारा भव्य महोत्सव का आयोजन किया गया सर्वप्रथम प्रातः काल गंगा तट त्रिवेणी घाट पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शंकराचार्य भगवान की पादुका पूजन किया गया. उसके पश्चात नगर में एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. जिसमें अनेकों संत- महात्माओं गणमान्य व्यक्तियों ने प्रतिभाग किया. सम्पूर्ण नगर का भ्रमण करते हुए शोभायात्रा जनार्दन आश्रम दण्डीवाडा पहुँची. जहाँ पर विशाल श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.
श्रद्धांजलि समारोह में सर्वप्रथम दण्डी स्वामी  आत्मानंद जी स्वामी विज्ञानानंद तीर्थ जगतगुरु स्वामी योगानंद देवाचार्य दयाराम दास जी उत्तराखंड पीठाधीश्वर जगतगुरु कृष्णाचार्य जी महाराज पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार लोकसभा के सांसद त्रिवेन्द्र रावत जी नगर निगम के मेयर शंभु पासवान पूर्व मेयर अनिता ममगांई महन्त जगदीश प्रपन्नाचार्य स्वामी वागीश स्वरुप जी स्वामी अखंडानंद आदि ने दीप प्रज्वलन कर एवं भगवान आद्यगुरु शंकाराचार्य जी का पूजन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए दण्डी स्वामी आत्मानंद जी ने कहा कि आद्य जगतगुरु शंकराचार्य भगवान ने ऐसे समय में सनातन धर्म की रक्षा की जब चारों और से सनातन धर्म पर आक्रमण किया जा रहा था उन्होंने भारत वर्ष के चारों दिशाओं में चारों धामों की पुनर्स्थापना एवं चार पीठों की स्थापना के आलवा अनेकों मठ मन्दिरों को पुनर्स्थापित किया.
पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद  त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि अगर आद्य गुरु भगवान शंकराचार्य साक्षात शंकर भगवान के ही अवतार थे. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किये हुए महान कार्यों के आधार पर उनको राष्ट्र पिता की उपाधि दी जानी चाहिए.  इतने कम उम्र में उन्होंने पूरे भारत वर्ष को एक सूत्र में बाँधनें का काम किया.जगतगुरु योगानंद देवानंदाचार्य दयाराम दास जी महाराज एवं जगतगुरु कृष्णाचार्य जी महाराज ने कहा कि हम सबको आद्य गुरु शंकराचार्य भगवान के कार्यों को आगे बढाना चाहिए. उन्होंने वैदिक संस्कृति के रक्षा के लिए पूरे भारत वर्ष का भ्रमण किया और अनेकों मठ- मन्दिरों की स्थापना की. दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तक पूरब से पश्चिम तक उन्होंने यात्रा कर वैदिक धर्म को पुनर्जीवित किया इस शुभ अवसर पर अनेकों संत- महात्माओं ने अपने विचार रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की अंत में आश्रम के प्रबंधक केशव स्वरूप ब्रह्मचारी जी ने सभी आये हुए सभी संत- महात्माओं  गणमान्य लोगों का धन्यवाद दिया इस शुभ अवसर पर महन्त रवि प्रपन्नाचार्य,संजय शास्त्री, एल.पी. पुरोहित, शैलेन्द्र मिश्रा, डॉक्टर राजेश नैथानी,  कृष्ण कुमार सिंघल,महेशानंद गिरि जी महन्त अजय गौड आचार्य अजय विजल्वाण,सुधीर राय, दिनेश चन्द्र मास्टर, दिनेश सती लक्ष्मन सिंह चौहान,डॉक्टर जनार्दन कैरवान आचार्य जितेन्द्र भट्ट, आचार्य सुभाष चन्द्र डोभाल, पुष्पा ध्यानी, आशाराम व्यास , रमाबल्लभ भट्ट, योगेश उनियाल चन्द्र सिंह कैंतुरा, रीना उनियाल, कुसुम जोशी , जयेन्द्र रमोला, डॉक्टर भानु उनियाल आचार्य विपिन बहुगुणा, वैदिक ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष जगमोहन मिश्रा पूर्व अध्यक्ष गंगाराम व्यास, आचार्य मणिराम पैन्यूली ,महेश चमोली, सूरज विजल्वाण , शुभम नौटियाल, मुकेश थपलियाल, शंकरमणि भट्ट, उमेश भट्ट, संदीप शास्त्री, विनय उनियाल, इन्द्र कुमार गोदवानी सुशीला सेमवाल, मिर्जा गोयल, गंगा सभा के अध्यक्ष राहुल शर्मा, पार्षद रीना शर्मा, माधवी गुप्ता, रविन्द्र राणा जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान ,अभिषेक शर्मा, मनोज ध्यानी, दीपक धमीजा आदि उपस्थित थे।

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