कैब ड्राइवर से वसूली करने पर ट्रेनी दरोगा गिरफ्तार…DCP को हटाया और SHO, चौकी इंचार्ज सस्पेंड

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नोएडा में पुलिस की बड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह का बड़ा एक्शन हुआ है।मामला कैब ड्राइवर से वसूली करने का है। इसमें शामिल सब इंस्पेक्टर (ट्रेनी दरोगा) गिरफ्तार हुआ है। डीसीपी को हटाया गया है। एसएचओ और चौकी इंचार्ज सस्पेंड किये गए हैं

मामला,  ग्रेटर नोएडा वेस्ट के थाना बिसरख क्षेत्र का है।यहां पर एक कैब चालक से 7 हजार रुपए लूटने के मामले में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने एक्शन लिया है। पुलिस कमिश्नर ने एसीपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर थाना बिसरख प्रभारी (एसएचओ) अरविंद सिंह, चौकी इंचार्ज गौर सिटी-1 सब इंस्पेक्टर रमेश चन्द्र और सब इंस्पेक्टर मोहित को निलम्बित कर दिया है। कैब चालक से पैसे लूटने वाले ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है।

इसके अलावा घटना का संज्ञान होने के बावजूद 2 दिन तक कार्रवाई न करने और घटना को छुपाने पर डीसीपी सेन्ट्रल नोएडा सुनिति को पद से विमुक्त करते हुए शक्ति मोहन अवस्थी को डीसीपी सेन्ट्रल नोएडा के पद पर नियुक्त किया गया है। पुलिस के खिलाफ इन कार्रवाई से विभाग में हड़कम्प मचा हुआ हैं

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दरअसल,  जिस घटना पर हुआ एक्शन हुआ वह इस प्रकार है। उत्तर प्रदेश के बागपत के बड़ौत निवासी राकेश तोमर कैब चलाते हैं। वह 2 अगस्त की रात करीब एक बजे दिल्ली के पंचशील विहार से एक महिला यात्री को छोड़ने के लिए 11वीं एवेन्यू स्थित गौर सिटी आए थे। उनका आरोप है कि दो कारों में सवार पांच लोग उनके पास आए। उन्होंने उन्हें नीचे उतार दिया और अभद्र व्यवहार किया। इनमें से एक पुलिस की वर्दी में था। वह लोग उन्हें और महिला सवारी को अपनी गाड़ी में बैठाकर सुनसान स्थान पर ले गए। उनके साथ मारपीट करके 7 हजार रुपये छीन लिए। खर्चे का पैसा नहीं होने की बात करने पर पांच सौ रुपये वापस देकर भगा दिया।घटना के बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में इसकी शिकायत की।

गौर सिटी चौकी इंचार्ज ने समझौते का बनाया दबाव
मौके पर पहुंची  पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी। पता चला कि वर्दी पहने पुलिसकर्मी गौर सिटी-1  पर तैनात दारोगा है। अन्य अज्ञात व्यक्ति हैं। उन्होंने पुलिस चौकी पहुंचकर लिखित शिकायत दी।उनका आरोप है कि चौकी प्रभारी ने उस सब इंस्पेक्टर को बुलाकर पहचान करवाई, लेकिन उसका नाम नहीं बताया। सात हजार रुपये वापस कराकर समझौता करने को कहा, लेकिन वह ऐसा करने को तैयार नहीं हुए। मंगलवार को उन्होंने फिर पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी।

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खास बात ये रही कि दारोगा को बचाता रहा चौकी प्रभारी । टैक्सी ड्राइवर राकेश तोमर का आरोप है कि चौकी प्रभारी ने सब इंस्पेक्टर को बचाते हुए उसके साथ शामिल अन्य चारों अज्ञात व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए सब इंस्पेक्टर का नाम शिकायत से वापस लेने को कहा। वह नहीं तैयार हुए तो तीन दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद अब जब सख्त अधिकारी लक्ष्मी सिंह के पास मामला पहुंचा तो त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्होंने सख्त से सख्त विभागीय ऐक्शन लिया।  इससे यही साबित हुआ खाकी में लुटेरी पुलिस। लेकिन लक्ष्मी सिंह जैसे अधिकारी बैठे हुए हैं। जिनसे न्याय की उम्मीद की जा सकती हैं। सख्त एक्शन से पुलिस भी सतर्क रहेगी। अपराध में लिप्त होने से डरेगी।

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