ऋषिकेश : “अन्तर्राष्ट्रीय योग संगोष्ठी” का आयोजन, लगभग 52 रिसर्च पेपर प्रस्तुत, देश-विदेश से कई योग साधक ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम से जुड़े

योग में वैज्ञानिकता के लिये अनुसन्धान की आवश्यकता है इसलिये इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय योग सेमिनार व संघोष्ठीयों का आयोजन वर्ष 2004 से कर रहे हैं :डॉ० नवदीप जोशी

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ऋषिकेश : योग से सम्बंधित ऋषिकेश में कोई भी कार्यक्रम होता है तो वह महत्वपूर्ण होता है. उसका महत्व व् प्रभाव काफी दूर तक रहता है. नवयोग सूर्योदय सेवा समिति एवं आयुर्वेद विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग संगोष्ठी का आयोजन नारायण आश्रम शीशम झाड़ी ऋषिकेश में किया गया. दो दिन की संगोष्ठी में आज दूसरा और समापन का दिन था.

इस अवसर पर मुख्य अथिति प्रो० मुरली मनोहर पाठक माननीय कुलपति, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,दिल्ली ने कहा गंगा माता के तट पर यह योग संगोष्ठी में अनेकों विश्वविद्यालयों से आये हुए योगाचार्यों का संगम ही योग है। जिसमें सभी के विचार एवं पेपर प्रेजेंटेशन से ज्ञान गंगा का उदय हुआ है। इस संगोष्ठी में कुल लगभग 52 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये गये। जिसमें देश व विदेश के एक हजार से अधिक योग साधक ऑफलाइन व ऑनलाइन के माध्यम से शामिल हुये।

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इसमें आशीर्वाद के स्वरूप स्वामी ब्रह्मदेव जी-कुलपति वैदिक विश्वविद्यालय, त्रिनिदाद, दक्षिण अफ्रीका ने कहा विश्व मे योग व आयुर्वेद के द्वारा प्रसिद्धि प्राप्त हो रही है। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो० सुनील जोशी कुलपति-उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून ने कहा कि आयुर्वेद व योग, व्यक्ति के स्वस्थ रहने की कला है जिससे व्यक्ति आध्यात्मिक ऊँचाइयों को प्राप्त कर अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। इस अवसर इस अंतर्राष्ट्रीय संघोष्ठी के सूत्रधार नवयोग सूर्योदय समिति के संस्थापक डॉ० नवदीप जोशी ने कहा कि योग में वैज्ञानिकता के लिये अनुसन्धान की आवश्यकता है इसलिये इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय योग सेमिनार व संघोष्ठीयों का आयोजन वर्ष 2004 से कर रहे हैं।

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प्रो० महेश प्रसाद सिलोड़ी, डॉ० विक्रम सिंह , डॉ० सतेन्द्र मिश्रा, योगाचार्य राजीव, योगाचार्य हर्ष, योगी कृष्ण कन्हैया, डॉ० अनिल थपलियाल, डॉ० सुनील कुमार, डॉ० सुरेन्द्र प्रसाद रयाल तथा डॉ० प्रिया पाण्डे आदि उपस्थित थे।

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