यूपी : सुल्तानपुर में हलियापुर टोल प्लाजा के पास पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर साइड में धंसी सड़क..
दो दिन पहले भी किमी 76 में सड़क बैठी थी, जिसे कंपनी ने कराया था मरम्मत

खबर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से है जहां पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लोकार्पण के दूसरे वर्ष भी हो रही बरसात में जगह-जगह सड़क बैठ रही है। अब हलियापुर क्षेत्र में टोल प्लाजा के पास साइड में सड़क बैठ गई है। इससे ठीक दो दिन पहले किमी 76 में सड़क बैठी थी, जिसे कंपनी ने मरम्मत कराया है। पिछले वर्ष भी दो बार सड़क बैठने का मामला सामने आया था। ऐसे में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।
दरसल आपको बता दें कि जिले के हलियापुर टोेेल प्लाजा के पास एक्सप्रेस-वे की साइड लेन धंसने के बाद यूपीडा के कर्मचारियों ने उसे मिट्टी से पाटकर ऊपर से दुरुस्त कर दिया था। लेकिन दोबारा हुई बारिश में सड़क फिर धंस गई। टोल प्लाजा पर कार्यरत कर्मचारियों ने यूपीडा के इंजीनियरों को इसकी सूचना दे दी है। सड़क किनारे की ओर से धंसी है ऐसे में वाहनों के आने जाने में काेई परेशानी नहीं है। हालांकि बारिश के मद्देनजर कंपनी की ओर से मरम्मत कराए जाने की तैयारी शुरू की गई है। बताते चले कि इससे पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किमी 76 पर सड़क धंस गई थी। यूपीडा द्वारा धंसी सड़क की मरम्मत कराया गया था।
गौरतलब रहे कि 6 अक्टूबर 2022 को भी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर हलियापुर क्षेत्र में 15 फीट चौड़ा और 5 फीट गहरा गड्ढा हो गया था। तब रात के समय लखनऊ से जा रही पूरी कार गड्ढे में समा गई थी। हादसे में ड्राइवर और कार सवार दो लोगों को चोटें आई थी। रात को ही एक्सप्रेस-वे की एक लाइन पर डायवर्जन करके गड्ढे की मरम्मत शुरू की गई थी और करीब 12 घंटे में गड्ढे को पाट दिया गया था। लेकिन भारी वाहन के लिए रूट डायवर्ट रखा गया था।
इससे पूर्व 19 सितंबर 2021 को हलियापुर थाना क्षेत्र के जरईकला गांव के पास बने ब्रिज से सटकर बना एक्सप्रेस-वे का उतार मार्ग बारिश के कारण दो जगह बैठ गया था। यही नहीं कई स्थानों पर जगह-जगह सड़कें भी बैठ गई थी। कुंवासी क्षेत्र में भी सड़के बैठी थी। स्थानीय लोगों की माने तो हड़बड़ी में कार्य कराए जाने के चलते बारिश में इस तरह का बुरा हाल हो रहा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि जहां मिट्टी की पटाई हुई है,उसमें ज्यादा से ज्यादा पानी डालकर छोड़ना चाहिए था। उसके बाद रोलर चलाकर और मिट्टी डालकर पटाई करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था।