लखनऊ : महिला सिपाही रूचि सिंह चौहान का शव नाले में मिलने का मामला, मामले में प्रतापगढ़ के तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव को हिरासत में

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लखनऊ : महिला सिपाही की हत्या के मामले में तहसीलदार रानीगंज हिरासत में।पुलिस ने प्रतापगढ़ जनपद से तहसीलदार को ट्रांजिट स्थित आवास से लिया हिरासत में।दोनों के बीच था प्रेम-प्रसंग।महिला सिपाही के दबाव बनाने पर उसने बनाई हत्या की योजना।शुरुआती पूछताछ में तहसीलदार ने दबाव बनाने से परेशान होकर महिला सिपाही को ठिकाने लगाने की बात कबूली। 7 दिनों से लापता महिला सिपाही का पीजीआई थाना क्षेत्र के नाले में मिला था शव। शनिवार को नाले में एक महिला कांस्टेबल रुचि सिंह की लाश मिली थी। महिला की मौत का कनेक्शन प्रतापगढ़ से निकल कर सामने आया है। मामले में लखनऊ पुलिस ने प्रतापगढ़ के तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव को हिरासत में लिया है।पुलिस की जांच में प्रतापगढ़ के तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव का नाम सामने आया था। पुलिस का कहना है कि दोनों का 5 साल से अफेयर चल रहा था। कुछ अहम सबूत मिलने के बाद पुलिस ने रानीगंज स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में छापेमारी की। वहां तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव और उसकी पत्नी को हिरासत में लेकर अपने साथ लखनऊ ले आई।मामले में सीओ सिटी अभय पांडेय ने बताया कि पीजीआई पुलिस रविवार की सुबह 6 बजे प्रतापगढ़ आई थी। वहीं से दोनों को साथ लाया गया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही सच सबके सामने होगा। तहसीलदार की पत्नी को दोनों के अफेयर के बारे में पता था। कहा जा रहा है कि उसका महिला की मौत के पीछे हाथ हो सकता है। पद्मेश की दो बेटियां भी हैं।बता दें कि तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव प्रतापगढ़ में 3 साल से तैनात है। इसे पहले वो कौशांबी में तैनात था। आरोपी प्रयागराज का रहने वाला है। पहले आरोपी पद्मेश लालगंज में तैनात था। करीब 4 महीने पहले उसको रानीगंज भेज दिया गया था। तब से वो यहीं पर तैनात है। पद्मेश और रुचि सिंह की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। वहीं से दोनों के बीच करीबी बढ़ी थी। लखनऊ पुलिस मुख्यालय में तैनात महिला कांस्टेबल रुचि सिंह चौहान 13 फरवरी से ड्यूटी पर नहीं पहुंची। सात दिनों बाद पुलिस मुख्यालय में तैनात अनुभाग अधिकारी ने सुशांत गोल्फ सिटी कोतवाली में तहरीर दी। पुलिस ने शनिवार को गुमशुदगी दर्ज कर मामलें की जांच पड़ताल शुरू की, तो पता चला कि बीते 17 फरवरी को पीजीआई पुलिस ने महिला की लाश नाले से बरामद की थी।

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हालांकि उस समय तक उसकी पहचान नहीं हो सकी थी। कांस्टेबल के साथियों ने उसके कपड़ों से उसकी पहचान की थी। हालांकि चेहरा बुरी तरह खराब होने और शरीर फूलने से अभी भी उसकी पहचान को लेकर संशय बना था। पुलिस ने पहचान करने के लिए उसके परिवार के लोगों को बिजनौर से बुलाया था। रविवार सुबह रुचि का भाई लखनऊ पहुंचा। उसने शव की शिनाख्त की है। रुचि 2019 से कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं।

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