घोड़े-खच्चरों की बीमारी से मौत मामला, सोनप्रयाग पहुँच मंत्री सौरभ बहुगुणा ने जांचे परखे हालात, की बैठक अधिकारियों के साथ
पशुओं की अनदेखी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी : सौरभ बहुगुणा


- यदि किसी घोड़े या खच्चर की मृत्यु होती है, तो उसके स्वामी को ₹32,000 का मुआवज़ा दिया जाएगा। इसके अलावा, यात्रा में शामिल सभी पशुओं का बीमा करवाया जाएगा : सौरभ बहुगुणा
- दो दिन में केदारनाथ घाटी में १४ घोड़ों की मौत हो चुकी है उसके बाद शासन प्रशासन हरकत में आया

आपको बता दें, इक्वाइन इन्फ्लूएंजा से संक्रमित आठ घोड़े खच्चरों की रविवार और 6 घोड़े-खच्चरों की सोमवार को मौत हो गई थी। इसके बाद सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम रुद्रप्रयाग पहुंचे और उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए। मंगलवार को घोड़े-खच्चरों के संचालक पर रोक के आदेश जारी किए गए थे।केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की बीमारी से मौत के बाद उनके संचालन पर लगाई गई रोक फिलहाल जारी रहेगी। प्रदेश के पशुपालन सचिव डॉ. बी. वी. आर. सी पुरुषोत्तम ने बुधवार को बताया कि केदार घाटी में घोड़े-खच्चरों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्थानीय लोगों, घोड़े-खच्चर व्यवसायियों व अन्य संगठनों द्वारा यात्रा मार्ग पर उनके संचालन पर लगी रोक को आगे बढाने का अनुरोध किया गया है ताकि जानवरों में संक्रमण बढ़ने की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने बताया कि पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के पुनः संचालन के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।