यूपी : सुल्तानपुर में स्वदेशी जागरण मंच द्वारा भाजपा नगर कार्यालय पर मनायी गई दत्तोपंत ठेंगड़ी की जयंती..
दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने दुनिया भर में श्रमिक आंदोलन को दी इक नई दिशा : वीरेंद्र भार्गव


खबर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से है जहाँ भाजपा नगर कार्यालय पर स्वदेशी जागरण मंच द्वारा कई संगठनों की नींव रखने वाले महान चिंतक,विचारक, दार्शनिक, समाज सुधारक दत्तोपंत ठेंगड़ी जी की जन्म जयंती मनाई गई,कार्यक्रम का संचालन कर रहे स्वावलंबी भारत अभियान के जिला संयोजक वीरेन्द्र भार्गव ने बताया कि ठेंगड़ी जी ने दुनियाभर में श्रमिक आंदोलन को नई दिशा दी है। वे उद्योगों के श्रमीकरण राष्ट्र के औद्योगीकरण और श्रम के राष्ट्रीयकरण के प्रवर्तक थे। दत्तोपंत ठेंगड़ी के मानवतावादी विचारों को समझना होगा और अर्थव्यवस्था के विभिन्न हितधारकों को साथ लेकर चलना होगा।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे डा. राम जी गुप्ता ने कहा कि आज दुनिया के सामने पर्यावरण,आर्थिक असमानता, आतंकवाद जैसे संकट गहराते जा रहे हैं। विश्व के कुछ देश और वर्ग की अधिनायकत्व वाली प्रवृत्ति के कारण एक ओर जहां संसाधनों का केंद्रीयकरण बढ़ा है,वहीं दूसरी ओर दुनिया के एक बड़े तबके के बीच विकास की कोई पदचाप सुनाई नहीं देती। ऐसे समय में महान चिंतक,दार्शनिक एवं समाज सुधारक दत्तोपंत ठेंगड़ी के विचारों की प्रासंगिकता बढ़ गई है। दत्तोपंत ठेंगड़ी बौद्धिक प्रवर्तक,संगठनकर्ता और दार्शनिक से आगे बढ़कर समाज सुधारक इसलिए थे,क्योंकि उन्होंने भारतीयता के दर्शन को अपने कृतित्व से फलीभूत किया।
10 नवंबर,1920 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के अरवी में जन्मे दत्तोपंत ठेंगड़ी महज 12 वर्ष की आयु में महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन में शामिल हुए। ठेंगड़ी जी ने भारतीय मजदूर संघ (1955), भारतीय किसान संघ (1979), सामाजिक समरसता मंच (1983) और स्वदेशी जागरण मंच (1991) जैसे अनेक संगठनों की स्थापना की। ये सभी संगठन आज अपने-अपने कार्यक्षेत्र में उद्देश्यों की पवित्रता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। ठेंगड़ी जी कहते हैं,हमें अपनी संस्कृति, वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य के लिए आकांक्षाओं के आलोक में प्रगति और विकास के अपने माडल की कल्पना करनी चाहिए।
सहकार भारती के जिला अध्यक्ष अशोक लाल श्रीवास्तव ने बताया कि अर्थव्यवस्था को लेकर दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के विचार राष्ट्रहित को वरीयता देने वाले थे। उन्होंने साम्यवादियों के एकाधिकार वाले श्रम क्षेत्र में राष्ट्रीयता का ऐसा शंखनाद किया, जिसके स्वर में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन का उत्थान राष्ट्रहित के साथ समवेत हो रहा है। उन्होंने श्रमिक आंदोलन में राष्ट्रीय हित के लिए सहयोग,समन्वय और सहकारवाद के साथ श्रम की प्राण प्रतिष्ठा की,यही वजह है कि आज वर्ग संघर्ष की विचारधारा लगभग अप्रासंगिक हो चुकी है।
तो वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा नगर अध्यक्ष आकाश जायसवाल ने बताया कि आज देश जिस आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ा रहा है, उसे ठेंगड़ी जी ने देशभक्ति के उपक्रम के रूप में परिभाषित किया है। वह कहते हैं कि यह स्वदेशी की एक आकर्षक और सभी के लिए स्वीकार्य परिभाषा है जो राष्ट्रीयता की भावना और कार्य की इच्छा को सामने लाती है। आज जिस प्रकार समाज जीवन में आत्मकेंद्रित प्रवृत्ति बढ़ रही है,ऐसे समय में संपूर्ण मानवीय जीवन के लिए दत्ताेपंत ठेंगड़ी के विचार समाधान का मार्ग प्रशस्त करते हैं।स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक धर्मेंद्र द्विवेदी ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से महिला प्रमुख उपमा शर्मा,सूर्यकांत चक्रवर्ती,डा प्रदीप मिश्र,डा. दीपक दुबे,शिव मूर्ति पांडे, मीडिया सह संयोजक अरुण द्विवेदी,सौरभ पाण्डेय,अनिल मिश्र,भावना राय,संपूर्णानंद, अनिरुद्ध शुक्ल,नंदलाल आदि लोग उपस्थित रहे।