ऋषिकेश : ‘उजपा’ का घोषणा पत्र – मुद्दों की 5 हेवी वेट तस्वीर, लेकिन समाधान “टेढ़ी खीर”
ऋषिकेश विधानसभा प्रत्याशी कनक धनाई ने किया घोषणा पत्र जारी किया उत्तराखंड जन एकता पार्टी (उजपा) का
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मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
ऋषिकेश : सोमवार को उत्तराखंड जन एकता पार्टी यानी “उजपा” का घोषणा पत्र जारी हुआ. भोले का दिन सोमवार, भोले की नगरी और भोले के भक्त कनक धनाई के मार्फ़त उत्तराखंड जन एकता पार्टी (उजपा) ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के लिए अपने ‘5 साल पांच वादे’ प्रेस वार्ता में रखे.
देहरादून रोड स्थित सोमवार को अपने चुनाव कार्यालय में कनक धनाई ने अपना संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि…
1-समाधान एम्स–
“वह अगर विधानसभा में जीते तो रोजगार के क्षेत्र में एम्स जैसे संस्थान में रोजगार में हो रही दलाली पर रोक लगाई जायेगी।पार्किंग में मची लूट खसोट जैसी समस्यों का समाधान. उपचार में दिकत, ओपीडी और जांच में आ रही दिक्क्तों का समाधान जैसे मुद्दे सामने रखे हैं. लेकिन इनको कैसे करेंगे और क्या रुपरेखा होगी इनके समाधान की कुछ स्पष्ट नहीं बता पाए.
2-दूसरा है जलमार्ग ..
यानि बोटिंग से आवागमन की सुविधा, ये नाव रुकेगी हरिपुर कला, गौहरी माफ़ी, कड़ी, विस्थापित, बैराज जैसे पॉइंट्स में यानी की घाटों पर. अब ये जलमार्ग को मंजूरी दिलाना और गंगा नदी के उफान और कम होते पानी से कैसे पाय पाएंगे ? बड़ा सवाल है. बाकी NGT, गंगा ऐक्शन प्लान,सिंचाई बिभाग, वन बिभाग, राज्य सरकार और केंद्र सरकार, पर्यावरणविद की आपत्तियां से कैसे निपटेंगे और इतना मुश्किल प्रोजेक्ट है जिसके लिए वैज्ञानिकों की रिपोर्ट पहले रखनी होगी न कि कमरे में बनायी हुई योजनाएं और 12 पेज के घोषणापत्र में खाली छापना..थोड़ा समझ से परे है. ये नाव बाजार सड़क किनारे ब्यापारी वर्ग को कितना भाती है यह भी गंभीर मुद्दा है. पानी से पर्यटक चला जाएगा इधर-उधर तो परचून की दुकान का क्या होगा ? तुलना हो रही है काशी-बनारस की नाव से…
3-उच्च शिक्षा के क्षेत्र में-
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ऋषिकेश में नए डिग्री कॉलेज की स्थापना की जाएगी,पुराने डिग्री कॉलेज में योग का स्नातक कोर्स शुरू किया जाएगा। यह अच्छा मुद्दा है इसको करवाया जा सकता है, शिक्षा के क्षेत्र में ऋषिकेश को हब बनाने कि जरूरत है. दोनों काम हो सकते हैं अगर थोड़ा जोर लगाया जाये तो. योग नगरी होने के कारण सरकारी स्कूल, कॉलेजों से बच्चे निकलेंगे या एडमिशन के लिए आएंगे तो शहर का मान बढ़ेगा.
4-मालिकाना हक़-
मीरा बेन के नाम से जो जमीन है उसमें जैसे-कैसे बसाई गई समस्त बस्तियों में लोगों को मालिकाना हक दिलाया जाएगा। औद्योगिक एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मिनी सिडकुल स्थापना की जाएगी, जिसमें मातृशक्ति के सूची के अनुसार रोजगार उपलब्ध करवाए जाएंगे, इसके अलावा अनेकों कार्यों को गति दी जाएगी।
अगर मालिकाना हक की बात करें तो यह सरकार में जब तक इच्छाशक्ति न हो इसको संभव नहीं है पूरा करना. एक ब्यक्ति आवाज उठा सकता है लेकिन उस लक्ष की प्राप्ति नहीं कर सकता है जब तक वह राजनीती में है. हाँ, समाजसेवा के माध्यम से या आंदोलनकारी के तहत सरकार थोड़ा हिल-डुल सकती है, इसलिए यह टेढ़ी खीर है. मिनी सिडकुल इस घोषणा पत्र में सबसे सुन्दर और प्रभावी बिंदु है. इस पर काम किया जा सकता है. लेकिन ऋषिकेश के पास जमीन नहीं है. ग्रामीण क्षेत्र में सिडकुल की अनुमति मिलेगी आशंका है. लेकिन अगर यह हो जाता है तो निश्चित तौर पर रोजगार के लिए मील का पत्थर साबित होगा. लेकिन चुनौती है.
5-औद्योगिकी एवं महिला सशक्तिकरण-
रही बात मिनी सिडकुल की यह यह अच्छा बिंदु है. इस पर काम किया जा सकता है. धरना प्रदर्शन, कागज पत्र, राजनीतिक इच्छाशक्ति प्रबल हो तो यह समाज के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसमें आम जन का साथ मिल सकता है. क्योँकि मातृशक्ति का बिंदु इसमें जुड़ा है. इसका विरोध करना किसी के लिए फायदा नहीं होगा. इसलिए इसको आगे रखा जा सकता है.
इसके अलावा प्रयासों में कई बिंदु हैं जैसे चिड़ियाघर वो भी संभव नहीं है बहुत जटिलताएं, मंजूरियां हैं जिनमें सदियों लग सकती हैं. क्योँकि हमारा कानून बेहद लचीला और शर्मीला है. जो कोई उठ खड़ा होता कानून के आगे कानून गले लगा लेता है उसे, फिर तारीखें भुगतते रहो पीढ़ियों तक.
कुल मिला कर कहा जाए तो आम जन के छोटे-छोटे मुद्दों को छोड़ कर बड़े हेवी वेट मुद्दे परोसे गए हैं जनता के सामने. होम वर्क कम किया हुआ लगता है इस घोषणा पत्र में. चुनावी झलक ज्यादा है. मुद्दे तकनीकी शब्दों में घिर से गए हैं. परिपक्वता की कमी से जूझ रहा है. लेकिन युवा जोश है मुद्दों की मजबूरियां समय के साथ झलकेंगी समाज के सामने, तभी एक प्रिय और सफल जनप्रतिनिधि का जन्म होता है जिसका इन्तजार रहेगा ऋषिकेश को.
गायब है घोषणा पत्र (Manifesto) से ये मुद्दे, न जिक्र है न खबर –
- किसान परेशान हैं जंगली जानवरों से कोई योजना नहीं है घोषणा पत्र में.
- पर्यावरण जो सबसे ज्यादा नुक्सान कर रहा है ऋषिकेश को हो रहा है. लेकिन कोई योजना नहीं है.
- बाहरी लोग आँख बंद कर के शहर की जनसख्या को बेतरतीब तरीके से बढ़ा रहे हैं जगह है नहीं, इनको रोकने या उनसे पूछने वाला कोई बिंदु नहीं है. त्रिवेणी घाट पर जो मर्जी जहाँ से आ जाता है वहीँ लोट पोट रहता है वह. कोई बिंदु नहीं है. जबकि ऋषिकेश का हृदयस्थल कहा जाता है. सुरक्षा और बिमारी दोनों ले कर आ रहा है वह. कोई बिंदु नहीं है घोषणा पत्र
- साफ़ सफाई के लिए शहर को क्या योजना होगी कोई बिंदु नहीं है.
- गंगा में सीवर, नालियां गिर रही हैं गंगा पानी, या गन्दगी जा रही है कोई योजना नहीं है.
- पानी की आपूर्ति के लिए, सीवरेज समस्या के लिए कोई योजना है.
- पहाड़ के लोगों के लिए जो यहाँ आते हैं उनके लिए कोई योजना नहीं है. कोई आश्रय स्थल, उपचार हेतु रुकने की जगह इत्यादि
- बहुत से मुद्दे है जो आम जन से जुड़े हैं उनको भी समावेश करने की जरूरत थी. लेकिन वे कहीं नहीं दिखे उजपा के घोषणा पत्र में.
इस दौरान दो महिलायें और एक राजनीतिक परिवार से सम्बन्ध रखने वाले युवा आर्यन गिरी भी पार्टी में शामिल हुए. कनक धनाई ने उनको पार्टी का पटका पहना कर स्वागत किया.युवा आर्यन गिरी कनक के मित्र भी हैं.पूर्व विधायक घनश्याम गिरी के पोते भी हैं आर्यन. राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. दोनों की दोस्ती और अब राजनीतिक दोस्ती कहाँ तक जाती है समय के गर्भ में है. फिलहाल, दोनों अपनी राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के लिए प्रयासरत हैं.
वहीँ, घोषणा पत्र जारी किए जाने के दौरान प्रदेश सचिव गुरुमुख सिंह, केंद्रीय मीडिया प्रभारी गोविंद बिष्ट, महिला मोर्चा की अध्यक्ष आशा सिंह, संगीता रानी, जिला अध्यक्ष ओम अरोड़ा, शिवम प्रजापति, अभिषेक पाल, संजय, नीलम प्रजापति, राकेश कंडवाल, दीपक चौहान ,राहुल रावत ,सोम अरोड़ा, आर्यन गिरी, दीपक चौहान ,सुरेंद्र सिंह नेगी, आदी उपस्थित थे.