ऋषिकेश : घूमिये अब मोतीचूर रेंज में…राजाजी टाइगर रिजर्व (RTR) के गेट आज से सैलानियों के लिए खुले, जानिए इस बार क्या होगा नया

ऋषिकेश। मंगलवार को राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज के गेट सैलानियों के लिए खोल दिए गए। हर वर्ष 15 नवंबर को गेट खोले जाते हैं और 15 जून को बंद होते हैं। अब सैलानी रायवाला के पास मोतीचूर रेंज की सैर कर पाएंगे।
राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज के गेट और चीला रेंज के गेट मंगलवार को सैलानियों के लिए खोल दिए गए। हरिद्वार की सीमा से लगे हुए मोतीचूर रेंज मैं लगभग 25 किलोमीटर के ट्रैक से सैलानी अब वन्य जीवों का दीदार आज से कर सकेंगे। मंगलवार को रेंज अधिकारी (Ranger) आलोकी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ पूजा अर्चना करने के बाद रिबन काटकर मोतीचूर रेंज के गेट को यात्री वाहनों के लिए खोल दिया गया। इसके साथ ही इस बार सैलानियों के लिए कुछ नया किया गया है। रेंज अधिकारी आलोकी नहीं बताया कि पर्यटकों को हाथी, गुलदार, सांभर, हिरण, टाइगर व अन्य वन्यजीवों के साथ विभिन्न पक्षियों के भी दर्शन हो सकेंगे साथी हाईवे के किनारे सैलानियों के लिए बुकिंग काउंटर भी खोला गया है।
मंगलवार को पहली शिफ्ट में चार जिप्सों में 22 लोगों ने सफारी का लुफ्त उठाया। सफारी का शुल्क पहले जो था उतना ही रखा गया है इसमें प्रति व्यक्ति ₹150 विदेशी पर्यटकों के लिए ₹500 और प्रति वाहन ₹250 का शुल्क निर्धारित है। मुख्य गेट पर पक्के गार्ड बॉक्स बनाने पर रेंज अधिकारी ने कहा है कि विभाग को प्रपोजल बनाकर भेजा गया है जैसे ही बजट अलॉट होगा काम शुरू कर दिया जाएगा।
इस बार सैलानियों को स्थानीय उत्पाद भी खरीदने को मिलेंगे-
रेंज अधिकारी मोतीचूर आलोकी नहीं बताया इस बार विभिन्न पंचायतों की इको विकास समिति यानी कि EDC को स्टॉल लगाने के लिए मेन गेट के पास जगह दी गई है। जो स्वयं सहायता समूह के उत्पाद बेच सकेंगे। समिति के माध्यम से स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही पर्यटकों को खाने पीने या खरीदने की अन्य चीजें भी उपलब्ध हो पाएंगे जो महिलाओं के द्वारा अपने हाथों से उत्पाद बनाए होंगे। इस फैसले से ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की है। अगर कोई पर्यटक घूमने जाता है तो उसको पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाले खासतौर पर जो झोले या बैग बनाए गए हैं वह खरीद सकता है।साथ ही आचार, मसाले, पानी व अन्य उत्पाद जो भी महिला समूह के द्वारा बनाए गए हैं पर्यटक खरीद सकेंगे।
मीडिया से बात करते हुए रेंज अधिकारी आलोकी ने बताया मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए भी विशेष तौर पर इको विकास समिति के साथ मिलकर और ग्रामीणों के साथ मिलकर हम काम करेंगे। रेंज अधिकारी ने बताया T1 टाइगर के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। मेरे आने से पहले की बात है यह। यह भी हो सकता है कि वह उत्तर प्रदेश में एंटर कर गई हो क्योंकि वहां की सीमा हमारी सीमा से लगी हुई है या फिर इंटीरियर में चली गई हो।क्योंकि उम्र दराज होने के कारण कुछ भी कहना अभी संभव नहीं होगा। पार्क में नए टाइगर जोडे की तरफ से कोई खुशखबरी आने के बारे में उन्होंने बताया ‘इस मामले में समय आने पर आपको सूचना दे दी जाएगी,।फिलहाल उन्होंने कोई स्पष्ट इसका जवाब नहीं दिया। दूसरी तरफ चीला रेंज के भी गेट आज से खोल देते हैं सैलानियों के लिए।
वही इस मौके पर गीतांजलि ज़खमोला, अंजना चौहान इको विकास समिति के अध्यक्ष धर्मेंद्र मोहन ग्वाड़ी, मुकेश भट्ट, एसपी ज़ख्मोला, रविंद्र दत्त बहुगुणा, नवीन ध्यानी, अनिल कुमार पिवाल आदि लोग भी मौजूद रहे।