(IYF 2025) बच्चों में होने वाला चिड़चिड़ापन, बेचैनी और हाइपर एक्टिविटि को इस योग से हील किया जाता है…जानें इस रिपोर्ट में

अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव का छठा दिन, देश विदेश से पहुंचे योग साधक किया अभ्यास

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मुनिकी रेती (ऋषिकेश) :  अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के छटवे दिन योग गुरू डा0 नवदीप जोशी ने योग प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नाद योग प्राचीन ध्यान की विधि है यह ध्यान में जाने की सबसे सरल विधि है। बच्चों में होने वाला चिड़चिड़ापन, बेचैनी और हाइपर एक्टिविटि को इस योग के माध्यम से हील किया जाता है युवाओं में होने वाले एडिक्शन, तनाव आदि को दूर करने मंे योग की यह प्रक्रिया कारगर साबित होती है।गढ़वाल मण्डल विकास निगम व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के छटवे दिन मुख्य हैंगर में डा0 नवदीप जोशी ने कहा कि महिलाओं में नाॅर्मल डिलिवरी एवं स्वस्थ बच्चे को जन्म देने की विधि भी नाद योग में बतायी गयी है। मनुष्य के शरीर में होने वाली 40 से अधिक बीमारियां जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर जैसी आधुनिक बीमारियां नाद योग के जरिए ठीक की जा सकती है। डा0 जोशी ने योग प्रतिभागियों को नाद योग के योगाभ्यास कराए।
स्वामी निरंजनानंद योग केन्द्र जमई बिहार के अध्यक्ष स्वामी आत्मस्वरूपानंद सरस्वती जी ने योग साधकों को बताया कि शरीर के अंदर 95 प्रतिशत बीमारियां मानसिक व भावनात्मक हैं। शरीर के रोग को तो दवा से ठीक किया जा सकता है लेकिन मन तक कोई दवा जा नहीं सकती और मन तक कोई दवा जा सकती है तो वह योग विज्ञान ही है। योग मानसिक व भावनात्मक बीमारियों को दूर करने में सहायक है। आज योग की प्रासंगिकता व आवश्यकता इसलिए बढ़ गयी है कि हमने अपनी पुरानी जीवन शैली को छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में तनाव एक स्वभाविक प्रक्रिया है जो क्षणिक है, उद्दीपन बाह्य वातावरण से तनाव के कारण आता है शांत प्रकृति वाले व्यक्ति को चिड़ाने में बहुत वक्त लगेगा लेकिन अस्थिर चित्त वृति व चिड़चिडे़ व्यक्ति पर इस तरह के वातावरण का दुषप्रभाव जल्दी देखने को मिलता है।उन्होंने कहा कि शिक्षा जीवन रूपी वृक्ष की जड़ है, संस्कृति फूल है और विवेक उसका फल है। शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य को उच्चतर संस्कारो से युक्त करना है। योग शिक्षा भी आज के तनाव झेल रहे मनुष्य के लिए संजीवनी का काम कर सकती है बशर्ते उचित ढंग से योगाभ्यास किया जाए।
दूसरी ओर नमस्ते फेस योगा की संस्थापक चारू वाधवा ने फेस योग के बारे में प्रशिक्षार्थियों को जानकारी देते हुए बताया कि फेस योग के अभ्यास करने से डिप्रैशन, माइग्रेन, साईटिका, काॅन्स्टिपेशन, गैस व लीवर जैसी बीमारियां भी फेस योग से ठीक की जा सकती है। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम योग करने से अपने शरीर को इस तरह से बनाएं ताकि कोई बीमारी न लगे। उन्होंने कहा कि हमारा दिल दिमाग से पांच हजार गुना अधिक मजबूत होता है, उन्होंने कहा कि फेस योग हट योग से पैदा हुआ है यह योग तनाव की बीमारियों में सबसे अधिक उपयोगी साबित हो सकता है।उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 लक्ष्मीनारायण जोशी ने योग की प्राचीन तकनीक नाभि के रहस्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कंद योनि स्थान जो हमारी नाभि में स्थित है वहीं से बहत्तर हजार नाड़ियों का उदय होता है यह नाड़ियां नाभि से निकल कर सम्पूर्ण शरीर में व्याप्त हो जाती हैं। मां के पेट में भी नौ माह तक बच्चे का पोषण (अम्बिलिकल काॅर्ड) नाड़ी के द्वारा ही होता है बाद में उसे काट कर अलग कर लिया जाता है इससे सिद्ध होता है कि जीवन का उदय नाभि के द्वारा ही होता है इसलिए नाभि का व्यवस्थित होना अत्यंत आवश्यक है। नाभि गिरना या नाभि चढ़ना एक प्रमुख रोग है इसलिए नाभि को अपने मूल स्थान पर व्यवस्थित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नाभि परीक्षण की कई विधियां है जिनमें सम्मन मुद्रा बना कर नाभि को देखा जाना एक प्रमुख विधि है जिससे यह ज्ञात होता है कि नाभि अपने मूल स्थान से कहां पर स्थित है।
श्री गुरू राम राय विश्वविद्यालय में योग विभाग के असिस्टैंट प्रौफेसर डा0 विजेन्द्र सिंह ने योग एण्ड रिसर्च मैथोलोजी के बारे में बताया कि योग क्रियाओं के द्वारा शरीर के अंगों पर कितना सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव पड़ता है उसको मापने के भी पैरामीटर है बिना जानकारी के योग करना शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हटयोगी जितानंद जी महाराज नें संयमित और नियमित जीवन जीने को स्वास्थ्य की आदर्श कंुजी बताया। योग महोत्सव में योगिनी उषा माता, स्वामी बोधि वर्धमान, डा0 विपिन जोशी आदि ने प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया।अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आँचल डेरी, योगदा सत्संग सोसाईटी दिल्ली, स्पर्श हिमालय, नालंदा पुस्तकालय एवं अनुसंधान केन्द्र, आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा टि0ग0, हिमालय वनस्पति स्वायत सहकारिता, सदगुरू देव सियाग सिद्ध योग, ग्लोबल योगा एलाइन्स, उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, वेदावी हर्बल टी, उद्योग विभाग उत्तराखण्ड, आदि के स्टाल लगाए गये हैं। योग महोत्सव में अब तक 410 पंजीकरण हो चुके हैं जिसमें 38 विदेशी प्रतिभागी शामिल हैं।
योग महोत्सव के छटवे दिन कार्यक्रम में गढ़वाल मण्डल विकास निगम के प्रबंध निदेशक  विशाल मिश्रा, महाप्रबंधक प्रशासन विप्रा त्रिवेदी, महाप्रबंधक पर्यटन          दयानन्द सरस्वती, महाप्रबंधक वित्त  भारत चंद, सहायक प्रधान प्रबंधक  एस.पी.एस. रावत, वरिष्ठ प्रबंधक कार्मिक  विश्वनाथ बेंजवाल, वित्त एवं लेखाधिकारी  चिंतामंणी भट्ट,  रघुवीर सिंह राणा,  दीपक रावत,  गिरवीर सिंह रावत,  विमला रावत, अनिता मेवाड, भारत भूषण कुकरेती,  कैलाश कोठारी,  आर0पी0 ढौंडियाल,  मुकेश उनियाल,  विजय नेगी,  विनोद राणा,  मेहरबान सिंह रांगड़,  आशुतोष नेगी,  मुकेश बेनीवाल,  अजयकांत शर्मा,  विरेन्द्र रावत समेत अनेक अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

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