भारत ने बताया कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर ब्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री के हवाले से कैसे आतंकी ठिकाने नष्ट किये….जानें

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दिल्ली :   भारत के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में आतंकी ठिकानों में  देर रात हमले के बाद प्रेस कांफ्रेंस हुई. जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी सेना से, विंग कमांडर ब्योमिका सिंह एयर फ़ोर्स से और विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री मौजूद थे. तीनों ने एक एक कर जानकारी दी कैसे भारत ने एक्शन लिया और क्योँ हुआ और कैसे हुआ…प्रेस कांफ्रेंस के कुछ हाइलाइट्स —

“आतंकी ठिकानों के लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर हुआ ताकि आतंक गतिविधियों की रीढ़ तोड़ी जा सके और इसका ध्यान रखा गया कि निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।- सोफिया कुरैशी, कर्नल”

मैं आपको बताना चाहती हूं कि किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया और अभी तक किसी तरह की नागरिक क्षति की रिपोर्ट नहीं है। कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल सोफिया कुरैशी भारत की कार्रवाई के दौरान नष्ट किए गए आतंकी ठिकानों के बारे में जानकारी दे रहीं हैं।आतंकी ठिकानों के लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर हुआ ताकि आतंक गतिविधियों की रीढ़ तोड़ी जा सके और इसका ध्यान रखा गया कि निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।- सोफिया कुरैशी, कर्नल

‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के शिकार मासूम नागरिकों एवं उनके परिवारों को न्याय देने के लिए लॉन्च किया गया था।- सोफिया कुरैशी, कर्नल

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भारत ने सीमा पार हमलों का जवाब देने, उनको रोकने और उनका प्रतिरोध करने के अधिकार का प्रयोग किया है। ये आतंकवाद को अक्षम बनाने पर केंद्रित है।- विक्रम मिस्त्री, विदेश सचिव

पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संबंध उजागर हुए है। TRF द्वारा किए गए दावे और लश्कर से ज्ञात सोशल मीडिया हैंडल द्वारा इसको रिपोस्ट किए जाना इसकी पुष्टि करता है।- विक्रम मिस्त्री, विदेश सचिव

विदेश सचिव विक्रम मिस्री कहते हैं, “…परिवार को धमकाया गया और उस बर्बरता का संदेश देने को कहा गया। चूंकि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर से फल-फूल रहा था, इसलिए हमले का मुख्य उद्देश्य उसे नुकसान पहुंचाना था..

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पाकिस्तान वाले कश्मीर में  कहां-कहां हुआ हमला, जानें

कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि सैन्य बल की तरफ से 6 से 7 मई को रात 1 बजकर 5 मिनट से 1.30 बजे के बीच अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि इन टारगेट का सेलेक्शन विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर हुआ ताकि आतंकी गतिविधियों की रीढ़ तोड़ी जा सके। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद को निशाना बनाया गया। यह पीओजेके में स्थित है और एलओसी से 30 किलोमीटर दूर है।

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अप्रैल 2023 पुंछ में और जून 2024 में तीर्थयात्रियों पर बस हमले में यहीं से आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। इसके अलावा बरनाला कैंप, भींबर एलओसी से 9 किलोमीटर दूर है। यहां से हथियार हैंडलिंग और जंगल सर्वाइवर ट्रेनिंग दी जाती थी। इसके अलावा अब्बास कैंप पोटली को भी नष्ट किया गया। यह कैंप एलओसी से 13 किलोमीटर दूर है। यहां लश्कर के फिदायीन ट्रेनिंग लेते थे। इसकी क्षमता 15 आतंकियों की थी।

पाकिस्तान सीमा के अन्दर ये रहे  टारगेट पर निशाना…जानें

पीओके के अतिरिक्त पाकिस्तान के भीतर भी 4 कैंपों को निशाना बनाया गया। इसमें बहावलपुर, मुदरके, सरजल और मेहमूना जोया शामिल थे। सरजल कैंप सियालकोट अंतरराष्ट्रीय सीमा से 6 किलोमीटर की दूरी पर हैं। मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों की हत्या करने वालों आतंकियों की ट्रेनिंग दी गई थी। यह अंतरराष्ट्रीय सीमा ने 18 किलोमीटर दूर था।मेहमूना जोया में हिजबुल का कैंप था। पठानकोट एयरबोर्स में हमला यहीं से प्लान किया गया था। मुरिदके अंतराष्ट्रीय सीमा से 25 किलोमीटर दूर है। 2008 मुंबई आतंकी हमले के आतंकियों ने यहीं से ट्रेनिंग ली थी। डेविड हेडली की भी ट्रेनिंग यहीं से हुई थी। बहावलपुर में जैश का हेडक्वार्टर भी हमले में तबाह कर दिया गया।

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