अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव (IYF2025) में तीसरे दिन कई योग से जुड़ी हस्तियाँ पहुंची तो शाम नरेन्द्र सिंह नेगी के नाम रही




दूसरी ओर मुख्य पंडाल के दूसरे सत्र में महायोगी जितानंद जी महाराज कितने कठिन योग साधना का अभ्यास करते हुए उन्हूने कहा कि आत्मरक्षा सिद्ध योग साधना प्राचीन भारतीय योग का पारंपरिक ज्ञान है. जिसे दुनिया के अन्य देशों ने मार्शल आर्ट कुंग फू कराटे आदि नाम दिया है. जो की मूल रूप से भारतीय योग का मौलिक स्वरूप है. दून योगपीठ देहरादून के संस्थापक योगाचार्य डॉक्टर विपिन जोशी ने कहा कि उत्तराखंड योग वैलनेस का हब बनाने का लक्ष्य लेकर वह अभियान चला रहे हैं और जिससे रिवर्स पलायन को बढ़ावा मिलेगा. लाइट एवं साउंड हाल में योग साधकों, विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर कंचन जोशी ने आसनों की वैज्ञानिकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा, आसन योग का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. हठयोग में आसनों को पहला स्थान दिया गया है. आसन शारीरिक दृढ़ता तथा मानसिक स्थिरता प्रदान करने वाला ऋषि मुनियों द्वारा दिया गया वरदान है.

योग हाल में योगाचार्य कपिल सांगी ने प्राणायाम के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि स्वास लेने वह छोड़ने के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है. भौतिक रूप में अधिक ऊर्जा गहरी लंबी स्वास लेकर और छोड़कर उत्पन्न की जा सकती है. स्वास लेने के विभिन्न प्रकार और भीम के माध्यम से हम अपने स्वसन तंत्र को मजबूत कर दृढ़ता प्रदान करते हैं. प्राण ऊर्जा को निर्वाण गति से सारे शरीर में संचारित करने का अभ्यास करते हैं और हम इसको शास्त्री विधि से प्राणायाम किस प्रकार किया जाना है. इसका अभ्यास प्रतिभागियों को कराते हैं. दोपहर बाद के सत्र में सुविख्यात लेखक व साहित्यकार अक्षत गुप्ता ने भारतीय संस्कृति व इतिहास में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला. बताया कि किस प्रकार महिलाएं संस्कृति और इतिहास की धुरी है. सांस्कृतिक संध्या में गढ़वाली लोकगीतों के ख्याति प्राप्त लोक गायक गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने पहाड़ी संस्कृति से और लोक गीतों से श्रोताओं का मन मोह लिया. हर कोई थिरकता नजर आया. दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आंचल डेरी, योगदा सत्संग सोसाइटी दिल्ली, स्पर्श हिमालय, नालंदा पुस्तकालय एवं अनुसंधान केंद्र, आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा टिहरी गढ़वाल, हिमालय वनस्पति स्वायत सहकारिता, सदगुरु देव सियाग सिद्ध योग, ग्लोबल योगा एलाइंस, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, वेदावी हर्बल टी, उद्योग विभाग उत्तराखंड आदि के स्टाल लगाए गए हैं. अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के दौरान पहले दिन से ही गंगा जी के पवित्र तट पर स्वामी नारायण आश्रम में वैदिक मंत्र के साथ प्रतिदिन स्वामीनारायण आश्रम के ऋषि कुमारों, गढ़वाल मंडल विकास निगम [GMVN] के अधिकारियों द्वारा हवन किया जा रहा है. योग महोत्सव के तीसरे दिन कार्यक्रम में गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा, महाप्रबंधक प्रशासन विप्रा त्रिवेदी, महाप्रबंधक पर्यटन दयानंद सरस्वती, सहायक प्रधान प्रबंधक एसपीएस रावत, वरिष्ठ प्रबंधक कार्मिक विश्वनाथ बेंजवाल, वित्त एवं लेखा अधिकारी चिंतामणि भट्ट, रघुवीर सिंह राणा, प्रदीप अग्रावत, गिरवीर सिंह रावत, मेहरबान सिंह रांगढ़, आशुतोष नेगी, मुकेश बेनीवाल, अजयकांत शर्मा, ओमप्रकाश भट्ट, वीरेंद्र सिंह रावत समेत अनेक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.