हरिद्वार : वन्य जीव प्रतिपालक चीला आलोकी का हुआ अंतिम संस्कार, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने दी श्रधान्जली
आलोकी को नम आँखों से वन कर्मियों, अधिकारियों और परिजनों ने दी श्रधान्जली
हरिद्वार : सोमवार 8 अगस्त की सांय राजाजी टाईगर रिजर्व की चीला रेंज में हुई इण्टरसेप्टर वाहन की सड़क दुर्घटना में लापता वन्य जीव प्रतिपालक आलोकी का मृत शरीर आज शक्ति नहर में मिल गया। दोपहर बाद खड़खड़ी स्थित मोक्षस्थल पर उन्हें राज्य के वन परिवार ने नम आंखों से अनन्त यात्रा के लिए विदाई दी। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने अंतिम यात्रा मे सम्मिलित होकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके असामयिक निधन को विभाग के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
उन्होंने कहा कि शाश्वत शक्ति दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणो में स्थान दें और परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। मंत्री सुबोध उनियाल ने यह भी दोहराया कि राज्य सरकार सभी प्रभावित परिवारों के दुःख में समान रूप से शामिल है। साथ ही दुर्घटना में घायलों को अस्पताल में बेहतरीन चिकित्सा-उपचार की बात कही है ।डीएम हरिद्वार धीरज सिंह गर्बियाल, डीएफओ हरिद्वार नीरज शर्मा, उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी जूही मनराल, एसडीओ संदीप शर्मा, स्पर्श काला, दिनेश नौडियाल, शिप्रा व अनिल के साथ श्मशान पहुँच कर दिवंगत अधिकारी अलोकी को श्रद्धांजली दी। राजाजी टाईगर रिजर्व पार्क के लगभग सभी रेंजों के अधिकारी व कर्मचारियों ने अपने दिवंगत अधिकारी को गमगीन माहौल में नम आँखों से श्रद्धांजली अर्पित की। इस दौरान स्व अलोकी के 72 वर्षीय वृद्ध पिता अंसी लाल, भाई अलोक व भतीजा शिवम सहित पारिवारिक सदस्य मौजूद रहे।आपको बता दें कि स्व. अलोकी राजीजी में वन्यजीव प्रतिपालक चीला के पद पर तैनात थी।
स्व. आलोकी श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली थी। उनके पति का दिल्ली में अपना क्लीनिक है। दो वर्ष पहले दोनो की शादी हुई थी। वह अपने विभाग में अधिकारीयों व कर्मियों के बीच आयरन लेडी के रूप में जानी जाती थी। सोमवार को इंटरसेप्टर इलेक्ट्रीक वाहन ट्रायल के दौरान वाहन दुर्घटना में वह गाड़ी से छिटक कर नहर में गिर गयी थी। वन मन्त्री उनियाल ने कहा महाकमें ने होनहार अधिकारीयों को खोया है, उनकी यादों को चिरस्थाई बनाने के लिए काम किया जाएगा।