आवास विकास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज में गीता जयंती मनायी गयी
- गीता धर्म और कर्म से जुड़ने के लिए आवश्यक- प्रधानाचार्य उमाकांत पंत
ऋषिकेश : आवास विकास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज में गीता जयंती पर श्रीकृष्ण के चित्र पर आज माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। गीता जयंती पर आचार्य मनोज पंत ने कहा कि गीता के उपदेश वर्तमान में भी प्रासंगिक हैं, इन्हें जीवन में उतारने पर व्यक्ति सदैव सफलता हासिल करता है. गीता में जीवन, भक्ति, योग, कर्म और ज्ञान जैसे अलग-अलग भागों की व्याख्या की गई है। इस ग्रंथ को संस्कृत भाषा में लिखा गया है, जिसमें 18 अध्याय और करीब 700 श्लोक मौजूद है। इन सभी का अध्ययन करने पर साधक के ज्ञान में वृद्धि होती हैं तथा भगवान कृष्ण की कृपा भी जीवन पर बनी रहती हैं। गीता जयंती पर छात्र छात्राओं ने भी अपने विचार रखे। प्रधानाचार्य उमाकांत पंत ने इस अवसर पर कहा कि गीता का संदेश घर-घर में पहुंचे, इसका प्रचार प्रसार हो, साथ ही जीवन में इसका महत्व बड़े हर व्यक्ति को. जीवन काल में एक बार गीता का अध्ययन अवश्य कर समाज में कर्म व धर्म की जानकारी से अवगत होना चाहिए. गीता जयंती मनाने का हमारा यही उद्देश्य है।विद्यालय के मीडिया प्रभारी नरेंद्र खुराना ने बताया कि गीता जयंती के अवसर पर छात्र छात्राओं को श्रीकृष्ण जी के चित्र और श्लोक प्रतियोगिता भी कराई गई साथ ही कुछ विद्यार्थियों में गीता भवन ऋषिकेश में भी आज प्रतिभाग किया।इस मौके पर साक्षी ,रामगोपाल रतूड़ी, उप प्रधानाचार्य नागेन्द्र पोखरियाल,कर्णपाल बिष्ट, सतीश चौहान,प्रवेश कुमार,यशोदा भारद्वाज,सतीश चौहान,रविन्द्र सिंह परमार ,योगेश देवली, सच्चिदानंद नौटियाल आदि मौजूद रहे।