धामी 2032 तक….भाजपा दफ्तर में लगे होर्डिंग से कई का ब्लड प्रेसर हुआ उपर नीचे
- भाजपा दफ़्तर में लगे होर्डिंग धामी 2032 तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
- सियाशी तापमान में बदलाव शनिवार की सुबह का, कई ने चाय छोड़ दी सुबह की तो कई पूरी पी गए ख़ुशी में
देहरादून : राजनीती में पोस्टर का बड़ा करंट रहता है….पोस्टर लग गया तो समझो राजनीतिक चर्चा स्पीड से तैरने लगती है राजनीतिक गलियारों में. हुआ भी वही..कई ने तो सुबह सुबह की चाय आधी में छोड़ दी कई मंद मंद मुस्करा कर पूरी चाय पी गए….भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर ने शनिवार का दिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा के लिए छोड़ दिया. सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के लिए. जो समर्थक हैं वे सकून महसूस कर रहे हैं. वहीँ जो विरोधी हैं….जो थाकथित लौबी वाले हैं….उनके पेट में दर्द सुना है होने लग गया है….चेहरे पर तनाव के साथ बीपी भी ऊपर नीचे जा रहा है सुना…..केदारनाथ उपचुनाव के परिणाम के बाद तो और भी उनके हाल बुरे हैं….कहते फिर रहे थे इससे तो नहीं होगा..नहीं संभाला जा रहा है….मतलब माहौल बनाने कोशिश. …मतलब अपने राजनीतिक हित के लिए मुख्यमंत्री के खिलाफ माहौल बनाने लग जाओ…खैर, सोशल मीडिया पर बाकायदा लिखा गया है मजकिये लहजे में….एक फेसबुक वाल पर लिखा था जो रोचक है “पुष्कर सिंह धामी की विदाई की प्रतीक्षा में सूख कर कांटे होते भाजपाइयों के कटे पर नमक छिड़कते हुये चिढ़ाने के लिए उनकी जिकुड़ी पर डाम लगाने हेतु धामी के समर्थकों ने बाकायादा होर्डिंग पोस्टर लगा दिए हैँ. केदारनाथ में मिली जीत से जहाँ धामी को निबटाने में लगे भाजपाई और मित्र विपक्ष कांग्रेसी सुन्न पट्ट हो गये हैँ वहीँ धामी समर्थक बम बम कूद रहे हैँ. पोस्टर भाजपा के उसी प्रदेश कार्यालय के बाहर लगाए हैँ जहाँ 2021 में पुष्कर धामी के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा की गई थी. इन पोस्टरों को भाजपा दफ़्तर के गेट पर भी लगाया गया है ताकि दिन दोपहरी खुली आँखों से मुख्यमंत्री की कुर्सी का ख्वाब देखने वाले भाजपा दफ़्तर आते और जाते दोनों समय सभी के दिमाग में घुस जाय कि पुष्कर धामी ही 2032 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहेंगे वो किसी प्रकार की गलतफहमी न पालें.भाजपा दफ़तर के सामने एक ऐसा होर्डिंग भी चिपक़ा रखा है जिसमे ऊपर तो कुमाऊँ मण्डल के लोगों के फोटो और नाम लिखे हैँ नीचे गढ़वाल मण्डल के सुयश रावत,सतपाल महाराज और अमृता रावत के नाम भी दिख रहे हैँ.
कुल मिलाकर धामी के 2032 तक मुख्यमंत्री रहने के इन होर्डिंग पोस्टर को फाड़ने की हिम्मत भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट भी नहीं कर पा रहे जिनकी अध्यक्ष पद से विदाई के लिए अब गिनती के दिन बचे हुये हैँ. नई बात ये बताई जा रही है कि 24 घंटे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी से विदाई ले चुके 13 के 13 निवर्तमान हो चुके जिला पंचायत अध्यक्ष हर जिले में ऐसे होर्डिंग की छपाई का ऑर्डर दे चुके हैँ बस सचिवालय और निदेशालय से उन सभी 13 के प्रशाशक बनने की ऐतिहासिक कालजई चिट्टी बाहर आ जाय चर्चा है कि “ऊपर” से हरी झंडी मिल चुकी है लगता है ब्लॉक प्रमुखों और प्रधानों को इसलिए नहीं बनाया क्योंकि उन्होंने करम “अच्छे” नहीं किये होंगे..अगर धामी ये कर पाये तो उनके नाम एक और रिकार्ड दर्ज होना तय है…. ऊपर से पूर्व से जो मठाधीश राज्य में जो हैं वे आज तो परेशान रहेंगे ही. बतया जा रहा है, कोई दिल्ली में नाश्ता छोड़कर के बैठा हुआ तो कोई राज्य गाढ़ गधेरे की तरफ देख रहा है….सूत्रों की माने तो, मुख्यमंत्री और संगठन को लिस्ट भी मिल चुकी है जो लौबी बनाने में शक्रिय थे….या हैं….क्यूंकि निकाय चुनाव में ये लौबिस्ट लोग खटर-बटर करने से बाज नहीं आयेंगे…उससे पहले खोपचे (संगठन) में ले जाकर सुध्ह हिंदी के शब्दों में उनको समझाने की PCM दी जा सकती है. उसकी तैयारी हो चुकी है. कुछ दिन में उनको बैक डोर से तलब किया जा सकता है. जैसे कुछ दिन पहले दिल्ली बुलाकार फटकार लगाने के बाद वापास देहरादून भेज दिया था…आंखिर हो भी क्योँ नहीं, आखिर, कई युवा लोगों का कहना है, उत्तराखंड को स्मार्ट, युवा,डैशिंग और अधिकतर त्वरित फैसले लेने वाला मुख्यमंत्री मेजर जनरल (से)बीसी खंडूरी के बाद बड़ी मुश्किल से मिला है. जनता ऐसे ही थोड़े न जाने देगी….फ़िलहाल ने पोस्टरों ने तापमान बदल जरुर दिया है.