देहरादून : केदारनाथ मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर बनाने का प्रस्ताव नहीं, राज्य सरकार ने की स्थित स्पष्ट

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देहरादून :केदारनाथ धाम को राष्ट्रिय अधरोहर बनाने का राज्य सरकार का न तो कोई इरादा है न प्रस्ताव. यह बात राज्य सरकार ने आज साफ़ की है. पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने भी ऐसे किसी भी प्रस्ताव से साफ इनकार किया है। बृहस्पतिवार को ऋषिकेश में बैठक में चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने केदारनाथ मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर बनाने के प्रस्ताव के विरोध में आंदोलन की चेतावनी दी थी।

मामला संज्ञान में आने के बाद शुक्रवार को सचिव संस्कृति हरिचंद्र सेमवाल ने विभागीय अधिकारियों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देहरादून मंडल के अधिकारियों की बैठक बुलाई। सचिव ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद् मनोज सक्सेना से प्रस्ताव को लेकर जवाब मांगा कि शासन स्तर से इस संबंध में प्रस्ताव दिया गया या कोई आदेश जारी किया गया? इस पर प्रस्ताव या आदेश से इनकार किया गया।सेमवाल ने कहा कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए शासन से न तो कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है और न ही भविष्य में ऐसी कोई योजना है। सरकार ने देहरादून मंडल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि तथ्यहीन और भ्रामक सूचना देना उचित नहीं है। बैठक में निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहायक अधीक्षण राज किशोर मीना भी मौजूद थे।
वहीँ दूसरी तरफ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने पत्र जारी कर केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर बनाने के प्रस्ताव की सूचना को निराधार बताया है। कहा गया है कि इस संबंध में शासन की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है और न ही विचाराधीन है।

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