यमकेश्वर : तल्ला भोगपुर और मल्ला भोगपुर के ग्रामीणों ने चलाया चुनाव बहिष्कार आन्दोलन, विकास नहीं तो वोट नहीं का दिया नारा
विकास खण्ड के गंगा भोगपुर तल्ला व मल्ला ग्राम सभा के ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ आगामी दिनों में होने वाले चुनाव बहिष्कार अभियान चलाया

यमकेश्वर : विकास खण्ड यमकेश्वर के डाण्डा मण्डल क्षेत्र में ग्रामीणों ने उठाई आवाज और विकास नहीं तो वोट नहीं नहीं अभियान शुरू कर दिया है. इन दिनों विकास नहीं तो वोट नहीं नारे के साथ चुनाव बहिष्कार के पोस्टर बैनर चस्पा किए जा रहे हैं और जनसभाएं / रैलियों का आयोजन किया जा रहा है।

रविवार को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला.आपको बता दें, यह इलाका राजा जी नेशनल पार्क के अन्दर आता है. लोकेशन की बात करें तो यह इलाका ऋषिकेश से ज्लयादा दूर नहीं है. मुश्गकिल से 20 मिनट की दूरी पर है. जबकि पौड़ी हेडक्वार्टर पहुँचने में लगभग 3 घंटे लगते हैं. यह इलाका जिला पौड़ी में पड़ता है. ब्लाक यमकेश्वर के अन्दर आता है. विकास खण्ड के गंगा भोगपुर तल्ला व मल्ला ग्राम सभा के ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ आगामी दिनों में होने वाले चुनाव बहिष्कार अभियान चलाया। ग्रामीणों ने क्षेत्र में विकास नहीं तो वोट नहीं के नारे छपे पोस्टर बैनर चस्पा किए और दोनों गाँवों में रैली निकाल कर सरकार की विकास विरोधी सोच को उजागर किया और जब तक सरकार द्वारा क्षेत्र में विकास कार्य नहीं किए जाते तब तक सभी प्रकार के चुनाव बहिष्कार करने की अपील की है। इस संदर्भ में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को इस बापत ज्ञापन प्रेषित कर इन गाँवों को राजाजी पार्क के दायरे से बाहर करने की माँग की है। चुनाव बहिस्कार आन्दोलन से जुड़े कार्यवाहक ग्राम प्रधान अनिल सिंह नेगी व अर्जुन सिंह नेगी का कहना है कि जब तक बीन नदी में पुल नहीं बनाया जाता,दोनों गाँवों को पार्क क्षेत्र से बाहर नहीं किया जाता और स्थानियों को वनों पर हक हक हकूकों पर अधिकार नहीं दिया जाता तब तक विकास नहीं तो वोट नहीं नारे के साथ चुनाव बहिष्कार किया जाएगा।
ग्रामीण सन्दीप रणाकोटी व प्रशान्त शर्मा के अनुसार 1983 में राजाजी पार्क के अस्तित्व में आने के बाद ग्रामीणों के विकास कार्य व हक हकुक के अधिकार पार्क प्रशासन के हवाले हो गयी है। पार्क के कड़े नियमों के कारण 1980 के दशक से क्षेत्र में विकास कार्य ठप हैं। वहीं विंध्यवासिनी गंगा भोगपुर ऑल वेदर सड़क संघर्ष समिति से जुड़े पूर्व शिक्षक राजपाल धमन्दा ने बताया गंगा भोगपुर से विंध्यवासिनी के बीच पार्क प्रशासन के अड़चनों के कारण मात्र 05 किमी सड़क मार्ग नहीं बन रहा है। जबकि विंध्यवासिनी बुकंडी तक यमकेश्वर विकास खण्ड के दिउली, तुंगखाल, आमकाटल आदि क्षेत्रों से पाँच सड़कें जुड़ चुके हैं। पार्क प्रशासन के काले कानून के आड़े आने से विन्ध्यवसिनी से मात्र पाँच किमी दूर गंगा भोगपुर होते हुए ऋषिकेश, हरिद्वार मार्ग में नहीं जुड़ पा रहा है। दसकों से बरसाती नदी के बीच वाहनों की आवाजही हो रही है बरसात के दिनों में यह नदी मार्ग चार माह के लिए ठप हो जाता है। ऐसे में क्षेत्र के दर्जनों गाँव के ग्रामीण का देश के अन्य भागों से सम्पर्क कट जाता है। गंगाभोगपुर तल्ला, मल्ला के ग्रामीणों का कहना है कि जब तक क्षेत्र में विकास कार्य नहीं होंगे तबतक सभी चुनावों का बहिस्कार किया जाएगा।इस दौरान ग्राम प्रधान गंगा भोगपुर तल्ला सतेन्द्र सिंह चौधरी, मल्ला के उपप्रधान अनिल सिंह नेगी, अर्जुन सिंह नेगी, सतीश शर्मा, ऋषि प्रसाद, प्यारेलाल रणाकोटी, दिलबाग राणा, शशी भट्ट, इन्द्र सिंह रावत, शीशपाल, सुशील नेगी, विद्या सागर, जगमोहन भण्डारी व् अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।