यमकेश्वर : पशुपालन विभाग पहुंचा ठिन्गाबांज ग्रामसभा में पशु प्रदर्शनी में, कई  किसान हुए सम्मानित 

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  • उत्तराखंड  का पशु पालन विबहाग दुर्गम  इलाकों में पहुँच रहा है  ग्रामीणों /पशुपालकों के बीच , ग्रामीणों ने की तारीफ 

यमकेश्वर : राजकीय पशु चिकित्शालय यमकेश्वर की टीम पहुंची ग्राम ठिन्गाबांज ग्रामसभा में. पशु प्रदर्शनी लगाने. इस दौरान टीकाकरण तो हुआ ही है जिसमें FMD एवं LSD के बारे में जानकारी दी गयी. साथ ही कृमिनाशक दवाई, कृतम गर्भाधान  एवं पशु रख रखाव के बारे में डॉक्टरों नें पशुपालकों को प्रशिक्षण दिया. इसके साथ ही अच्छे जानवरों के मालिकों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया.इस दौरान ग्राम प्रधान मुख्य अतिथि के तौर पर ग्राम प्रधान   मौजूद रही और किसानों/पशुपालकों को उन्हूने सम्मानित भी किया.

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पशु पालन विभाग की टीम  दुर्गम क्षेत्र में ग्रामीणों के बीच  पहुँच  पशुपालकों को जानकारी दे रही है. उनको पशु पालन सम्बंधित, उपचार से सम्बंधित जानकारी दे रही है ताकि वे अपने पशु की अच्छी तरह से देखभाल कर सकें. गुरूवार को लगे शिविर में  इस दौरान कई पशुपालकों को सम्मानित भी किया गया.   जिसमें भैंस मालिक चन्द्रमोहन कुकरेती को पहला ईनाम दिया गया. साथ ही कांता प्रसाद को दूसरा ईनाम दिया गया. गाय मालिक प्रशन्नी देवी को पहला ईनाम और रविन्द्र प्रसाद को दूसरा ईनाम दिया गया. वहीँ घोड़ा मालिक सुभास चन्द्र बडोला  को पहला  ईनाम दिया गया. इस दौरान ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग की इस पहल का स्वागत किया. खास तौर पर इस तरह से शिविर लगाकार विभाग आपके गाँव में पहुँच रहा है. जो भी प्रश्न, समस्या है उसका हल कर रहा है और  सम्बंधित विभाग  जानकारी दे रहा है है ग्रामीणों को अधिक से अधिक. एक तरह से सरकार आपके द्वार की तरह.  डॉक्टर डीके  शर्मा नें बताया यह हमारा तीसरा कैंप है. ऐसे ही हम आगे भी शिविर लगाते रहेंगे ग्रामीणों  के बीच जाकर.  ऐसे में सबसे बड़ा फायदा पशुपालक को होता है उसे जानकारी मिलती है, दवाई मिलती है, पशु को कैसे देखभाल करते हैं उसकी ट्रेनिंग मिलती हती.   इस दौरान विभाग की तरफ से अहम भूमिका निभाने वालों में  डॉक्टर डीके  शर्मा, डॉक्टर सपना बिष्ट, डॉक्टर आशा सावंत, पशुधन प्रसार अधिकारी  विनोद कुमार खंडूरी एवं प्रदीप सिंह, वेटनरी फर्माशिष्ट घनेंद्र  सिंह, पशुधन सहायक जगमोहन चौधरी और अनिल सिंह व सैकड़ों ग्रामीण /पशुपालक मौजूद रहे.

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