मुनि की रेती : समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने पर महिलाओं ने की विशेष गंगा आरती
- समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को समर्पित महिला गंगा आरती
- सामाजिक समरसता की दिशा में ऐतिहासिक कदम
- हर धर्म विशेष की महिलाओं को मिला सुरक्षा कवच
मुनि की रेती : ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के तत्वाधान में गंग सबलाओं द्वारा की जा रही विश्व की प्रथम महिला गंगा आरती में पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने पूजन-अर्चना कर गंगा आरती में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी है। महिलाओं ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेने को कहा की सभी धर्म की महिलाओं के अधिकार भी समान होगे। यूसीसी के लागू होने से धार्मिक, जातीय और सांस्कृतिक भेदभाव को समाप्त करने में मदद मिलेगी। समान नागरिक संहिता-यूसीसी से लिव इन रिलेशन पर अंकुश, पैतृक संपत्ति में समान अधिकार एवं हर संतान व हर महिला को समान अधिकार जैसे फायदे है।
डॉ. ज्योति शर्मा ने कहा यूसीसी ने धर्मों की विशिष्ट मान्यताओं का पूरा सम्मान किया है, लेकिन, विवाह की आयु, विवाह विच्छेद और बेटियों के उत्तराधिकार के लिए एक समान कानून का पालन करना सबके लिए अनिवार्य होगा। यूसीसी महिलाओं के कई अधिकारों को व समाज में हर वर्ग के लोगों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है।ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने मुख्यमंत्री धामी की दूरदर्शिता की सराहना कर कहा कि यूसीसी लागू करने से समाज में एकजुटता और भाईचारे को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यूसीसी के लागू होने से धार्मिक, जातीय और सांस्कृतिक भेदभाव को समाप्त करने में मदद मिलेगी, साथ ही केन्द्र सरकार से इस दिशा में पूरे देश में इसे लागू करने की अपील की व सरकार को बधाई और धन्यवाद दिया।मुख्य रूप से गंगा आरती में पुष्पा शर्मा, आशा डंग, बंदना नेगी, प्रमिला, गायत्री देवी आदि ने गंगा आरती की।