पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने पारंपरिक श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाई अमृतरूपी, मोक्षदायनी, पापनाशिनी मां गंगा का धरा अवतरण दिवस

- अमृतरूपी, मोक्षदायनी, पापनाशिनी मां गंगा का धरा अवतरण दिवस गंगा दशहरा पर की गई विशेष महिला गंगा आरती
- जय जय मां गंगा के नारों से गूंजा पूर्णानंद घाट
- सबका साथ हो, गंगा साफ हो के संकल्प के साथ पूर्णानंद घाट पर चल रही प्रति दिन महिला गंगा आरत
- विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में पूर्णानंद घाट पर महाआरती का हुआ आयोजन
- ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट ने पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने किया हवन पूजन
- महिलाओं ने गंगा दशहरा के पर्व पर जलाये मिट्टी के दीए
- महिलाओं ने गंगा दशहरा के पर्व पर दूध से अभिषेक भी किया

डॉ. ज्योति शर्मा ने कहा कि मां गंगा सहित अन्य गंगा की सहायक नदियों में लोग अपने-अपने घर की बासी पूजा सामग्री, कपड़े, भगवान की पुरानी तस्वीर भी डाल देते हैं। यह गंगा की पूजा है या उस पर अत्याचार ? वस्तुतः नदी की पूजा का अर्थ केवल घंटा बजाना नहीं, उसकी सफाई है। गंदगी मुक्त गंगा तट के लिए ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट पर जागरूकता अभियान चलाया गया। जल बचाओ, जीवन बचाओ का संदेश देकर गंगा किनारे की सफाई की गई । मुख्य रूप से ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी किशन गोपाल चितलंगी एडवोकेट, इंजीनियर जितेंद्र चितलंगी, इंजीनियर राखी चितलंगी, संतोष चितलंगी, आशा डंग, बंदना नेगी, गायत्री देवी, पूनम रावत प्रमिला, अंजना उनियालआदि ने गंगा आरती की।