भावातीत ध्यान की लगी विद्या मंदिर आवास विकास में पाठशाला



ऋषिकेश। सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज आवास विकास ऋषिकेश के विवेकानंद योग सभागार में महर्षि महेश योगी संस्थान द्वारा भावातीत ध्यान की पाठशाला का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरागत रूप से मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।विद्यालय के प्रधानाचार्य उमाकांत पंत एवं गृह परीक्षा प्रभारी रामगोपाल रतूड़ी ने संयुक्त रूप से अतिथियो का अंगवस्त्र पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर हार्दिक स्वागत किया।

इस अवसर पर अतिथि के रूप में डेनमार्क से पहुंचे पर्ल और डोमिनिक ने कहा कि ध्यान मानव जीवन को एक नई दिशा देने वाला साधन है, जो मानसिक शांति, एकाग्रता और सकारात्मकता प्रदान करता है। विद्यालय परिवार द्वारा विद्यार्थियों को अध्यात्म और अनुशासन से जोड़ने का यह प्रयास सराहनीय है।प्रधानाचार्य उमाकांत पंत ने अपने उद्बोधन में कहा कि भावातीत ध्यान विद्यार्थियों को आत्मबल और मनोबल प्रदान करेगा, जिससे वे जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना सहजता से कर सकेंगे। विद्यालय के मीडिया प्रभारी नरेन्द्र खुराना ने बताया कि एक सरल, सहज और बिना प्रयास वाली ध्यान तकनीक है जिसमें व्यक्ति मन ही मन एक संस्कृत मंत्र का जाप करता है, जिसका उद्देश्य आंतरिक शांति और चेतना की शांत अवस्था (भावातीत चेतना) प्राप्त करना है। इसका छात्र छात्राओं को परीक्षा में भी लाभ मिलेगा।कार्यक्रम में मनोज पंत,मनोरमा शर्मा , कांता प्रसाद देवरानी, रविन्द्र परमार सहित समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उत्साहपूर्वक उपस्थित रहे।