ऋषिकेश में शराब की दुकानों का लाइसेंस कैंसिल करो : उत्त्तराखण्ड जन विकास मंच

संतों, महिलाओं, दलित समाज के बाद अब उत्त्तराखण्ड जन विकास मंच भी कूड़ा विरोध में

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ऋषिकेश : शराब के खिलाफ अब उत्तराखंड जन विकास मंच भी आ गया है। मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा शुक्रवार को देवभूमि ऋषिकेश में बार व डिपार्टमेंटल स्टोर में शराब की बिक्री हेतु सरकार द्वारा लाइसेंस आवंटन निरस्त करने को लेकर  उप जिलाधिकारी  ऋषिकेश के माध्यम से  मुख्यमंत्री उत्तराखंड को ज्ञापन प्रेषित किया।
मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि भारतीय संविधान के भाग तीन में मूल अधिकारों के  अंतर्गत सभी नागरिकों को अनुच्छेद 19 (1) जी में किसी भी व्यापार, वृत्ति, आजीविका की स्वतंत्रता प्रदान की गई है। परंतु यह स्वतंत्रता अत्यंतिक नहीं है। इस स्वतंत्रता पर  अनुच्छेद 19 (6) के अंतर्गत लोकहित में राज्य को प्रतिबंध लगाने की शक्ति प्राप्त है। ऐसा ही निर्णय उच्चतम न्यायालय  द्वारा ओमप्रकाश व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य ए.आई. आर. 2004 एस. सी. 1896 में हरिद्वार ऋषिकेश मुनी की रेती नगर पालिका क्षेत्र में अंडा,  मांस व मछली की बिक्रीपर युक्तियुक्त प्रतिबंध को उचित माना है। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड सरकार द्वारा नगर निगम ऋषिकेश  में बार के लाइसेंस व लगभग एक माह पूर्व डिपार्टमेंटल स्टोर में शराब की बिक्री हेतु लाइसेंस आवंटित किए गए हैं। इसी तरह मुनी की रेती नगर पालिका परिषद क्षेत्र में भी शराब का ठेका आवंटित करना विरोधाभासी व देवभूमि की छवि को धूमिल करना है। सरकार को शीघ्र ही इनके लाइसेंस निरस्त करने चाहिए।
मंच के संरक्षक हरि सिंह भंडारी ने कहा कि विस्थापित क्षेत्र में पौराणिक वीरभद्र महादेव मंदिर के निकट बार व डिपार्टमेंटल स्टोर को शराब की बिक्री हेतु लाइसेंस आवंटित करना गलत कदम है।सरकार को अपने इस निर्णय की समीक्षा करनी चाहिए तथा यथाशीघ्र इनके लाइसेंस निरस्त करने चाहिए। इस अवसर पर ज्ञापन प्रेषित करने वालों में हरि सिंह भंडारी,रजत कालरा, तनुज कुमार सिंह, गणेश बिजलवान, प्रवीण थपलियाल, शैलेंद्र चौहान, प्रमोद नौटियाल, जेपी रतूड़ी, प्रवीण सिंह, हरीश आजाद, लालमणि रतूड़ी आदि उपस्थित रहे

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