एक पहाड़ी ऐसा भी जो है चुनावी मैदान में…सादगी से जीत रहा है लोगों का दिल…जानें

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ऋषिकेश : (मनोज रौतेला)  नगर निगम चुनाव में इस बार काफी रोचक चीजें देखने को मिलेंगी. चुनाव का तत्व कुछ अलग हो चुका है. खास कर ऋषिकेश की बात करें तो…..ऋषिकेश में सीट आरक्षित होने पर  निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं  दिनेश चंद्र मास्टर. जैसे ही सोमवार को उन्हूने नामांकन किया. सर पर हलकी तिरछी  पहाड़ी टोपी और हाथ में लोहे की सीक वाली छतरी लिए नामांकन करने पहुंचे थे…..हर कोई उनके बारे बात करते दिखा. बड़ी बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों के इतर मास्टर जी काफी सरल, सीधे और ठेठ पहाड़ी वेश भूषा में दिखे. जिसमें वे अक्सर रहते भी हैं….आपको बता दें,   निकाय चुनाव 2024 में  सीटों के आरक्षित होने पर समीकरण बिगड गए है, जिस कारण पार्टियों को प्रत्याशी चयन में बड़ी मशक्क्त करनी पड़ रही है। ऋषिकेश सीट आरक्षित होने से जंहा एक कांग्रेस ने दीपक जाटव को अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीँ भाजपा ने शम्भू पासवान को प्रत्याशी घोषित कर दिया है।दोनों ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है.  सुदेश भट्ट पूर्व सैनिक एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही ने कहा कि ऋषिकेश में राष्ट्रीय दलों द्वारा पहाड़ के हितों  और मतदाताओ को अनदेखा किया है तो उसे देखते हुए फिर पहाड़ी मतदाताओं द्वारा अपना प्रत्याशी घोषित किया गया है.   देवप्रयाग भरपूर पट्टी के मूल निवासी दिनेश चंद्र मास्टर  मेयर पद के लिए नामांकन   सोमवार किया.  भट्ट के मुताबिक़,  ऋषिकेश में जिस तरह सोची समझी रणनीति के तहत सीट को आरक्षित किया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि ऋषिकेश जैसे पहाड़ी बाहुल्य मतदाताओ कि उपेक्षा कि जा रही है और हितों को अनदेखा किया जाना उचित नहीं है।

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