मुनि की रेती : दीप प्रज्वलित कर किया 3 दिवसीय “मीट योर सोल” का शुभारम्भ पूर्णानंद घाट महिला गंगा आरती में, देश विदेश से पहुंचे सहभागी

- पूर्णानंद घाट महिला गंगा आरती में योग एवं नाद के जरिए निरोग रहने का संकल्प
- तनाव को छूमंतर करने के लिए अपनाएं साउंड हीलिंग थेरेपी
मुनि की रेती : महिलाओं द्वारा की जा रही गंगा आरती में पूर्णानंद घाट पर प्रसिद्ध गंगा आरती में दीप प्रज्वलित कर शंख नाद से विधिवत तीन दिवसीय मीट योर सौल का शुभारम्भ पूर्णानंद घाट महिला गंगा आरती में किया गया। ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी, सब-इंस्पेक्टर भंवर सिंह, देवभूमि मां गंगा स्वयंसेवी चौरिटेबल ट्रस्ट की संस्थापक अध्यक्ष रीना उनियाल , मंदाकिनी पवार के पावन सान्निध्य में दीप प्रज्वलित कर विधिवत तीन दिवसीय मीट योर सोल का योग नगरी ऋषिकेश से शुभारम्भ किया। माँ गंगा के पावन तट से गंगा आरती के माध्यम से सतत और सुरक्षित भविष्य हेतु जनसमुदाय को जागृत किया जाना है . इस दौरान जापान बुल्गारिया, सिंगापुर, उदयपुर मुंबई, दिल्ली, मेरठ से योग एवं होलिस्टिक साउंड हीलिंग रिट्रीट से जुड़े हुए लोग यहाँ पहुंचे हैं। ये सभी जानकीपुल स्थित प्रथम महिला गंगा आरती में पधारे थे.
ज्योतिष आचार्य सोनिया राज संस्थापक एस.आर. एस्ट्रो वर्ल्ड ने कहा जहां तक मनुष्य डिप्रेशन से राहत की बात है तो इसके लिए चक्र संतुलन कर, आयुर्वेदिक भोजन चक्र, नियममित बीज मंत्र जप उनके योगासन एवं अधोमुख श्वानासन, सेतुबंधासन, शवासन, चक्रासन और उत्तानासन अपने जीवन का हिसा बनना चाहिए!सब-इंस्पेक्टर भंवर सिंह ने कहा नियमित सूर्य नमस्कार और कुछ अन्य योगासन करने से ना केवल 60 से 70 फीसदी तक डिप्रेशन में कमी आती है बल्कि शरीर को कई तरह के दूसरे फायदे भी मिलते हैं। ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी उन्होंने बताया कि मीट योर सोल जिसका उद्देश्य खुद से खुद की खोज हैन,का योग, चिंतन और आत्मनिरीक्षण की प्रक्रिया के माध्यम से सभी स्तरों पर स्वयं को जानना। योग स्वयं की, स्वयं तक, स्वयं के माध्यम से यात्रा है। शरीर और मन को आत्म-निरीक्षण करना और अपनी प्रकृति के प्रति जागरूक होने के लिए प्रशिक्षित करना था। योग का उद्देश्य व्यक्ति में विवेक, जागरूकता, आत्म-नियमन और उच्च चेतना विकसित करना है। योगी उदय रयाल ने कहा ब्रह्माण्ड की नाद को हम अपनी शक्ति बना जीवन मे निरोगी रह सकते हैं ,एक शंख नाद से जब पूरा मंदिर का वातावरण बदल जाता है तो हर घर नाद होने से पूरा विश्व निरोगी हो जाएगा, साउंड थेरेपी से ना केवल तनाव बल्कि डिप्रेशन को भी दूर करने में मदद मिल सकती है। साउंड हीलिंग थेरेपी के माध्यम से मेंटल डिसऑर्डर, कैंसर का खतरा, डिमेंशिया के जोखिमों को भी दूर करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इस चिकित्सा को बेहद आसान और प्रभावी बताया जाता है, जिसके जरिए इंसान अपने इंटरनल और एक्सटर्नल मेंटल और मन दोनों को हेल्दी रख सकता है। इस थेरेपी में वॉइस और म्यूजिक के माध्यम से साउंड स्नान करते हैं। इस दौरान, ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी , देवभूमि मॉ गंगा स्वयं सेवी चेरिटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष रीना उनियाल कोषाध्यक्ष- योगेश उनियाल, मुख्य रूप से गंगा आरती में ट्रस्ट की सदस्य डॉक्टर ज्योति शर्मा, रीता, प्रमिला, गायत्री देवी आदि ने गंगा आरती की।