सफलता की कहानी…रोशमा देवी राज्य स्तरीय तीलू रौतेली पुरस्कार हेतु चयनित, जानिए



- मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की मिसाल – रोशमा देवी
- जो कहते हैं कुछ नहीं होता है अब , बन्दर, गुणी, सुवर कुछ नहीं छोड़ते, उनको रोशमा देवी का करारा जवाब है
- घर, बार खेती छोड़ जो देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी रामनगर शिफ्ट हो गए हैं उनको दिखाया आईना


पिछले 15 वर्षों से कृषि और पशुपालन में सक्रिय रोशमा देवी ने सब्ज़ी उत्पादन, पहाड़ी अनाज, तिलहन, दलहन, मशरूम उत्पादन तथा डेयरी में उल्लेखनीय कार्य किया है। उनके पास जर्सी, बद्री और एचएफ नस्ल की गायें हैं और वे प्रतिदिन 30 से 35 लीटर दूध का उत्पादन करती हैं। साथ ही पनीर और देसी घी का भी उत्पादन कर अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं। सब्ज़ी उत्पादन में वे आलू, प्याज, मटर, बीन्स, शिमला मिर्च, पत्तागोभी, फूलगोभी, लौकी, कद्दू, टमाटर, तोरी और भिंडी जैसी कई फसलें उगाती हैं। इस वर्ष उन्होंने 8 क्विंटल आलू का जैविक उत्पादन कर ₹40 प्रति किलो के भाव से बेचते हुए लागत घटाकर लगभग ₹20,000 का शुद्ध लाभ अर्जित किया।रोशमा देवी पहाड़ी खेती की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गहत, भट्ट, मडुआ, झंगोरा जैसे अनाज का उत्पादन कर रही हैं। इसके अलावा उन्होंने दलहन उत्पादन में मसूर, सोयाबीन और तूर दाल की खेती कर अच्छी पैदावार प्राप्त की। मसूर की फसल से उन्हें ₹180 से ₹200 प्रति किलो का मूल्य मिला। तिलहन उत्पादन में उन्होंने लगभग 2 क्विंटल सरसों का उत्पादन किया, जिससे सरसों के तेल से घरेलू और व्यावसायिक दोनों स्तरों पर लाभ मिला।

कृषि के साथ-साथ रोशमा देवी ने समाज में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने जय माँ लक्ष्मी महिला समूह और माँ बालमातेश्वरी मधुरस स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनके नेतृत्व में मनरेगा के अंतर्गत 1200 पौधों का रोपण किया गया। उनके प्रयासों से न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला बल्कि क्षेत्र में पलायन रोकने में भी मदद मिली।उनकी मेहनत और उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें कई सम्मान मिले हैं। उन्होंने उद्यान विभाग द्वारा श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित बैकुंठ चतुर्दशी मेले की प्रदर्शनी में सब्ज़ी उत्पादन के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। ग्रामीण रोजगार प्रशिक्षण संस्थान, पौड़ी द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया गया। इसके अलावा 2013 में उन्होंने ग्रेटर नोएडा में इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। रोशमा देवी की सफलता यह साबित करती है कि यदि संकल्प मजबूत हो तो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग देवेन्द्र थपलियाल ने बताया कि रोशमा की उपलब्धि देखते हुए उनका चयन राज्य स्तरीय तीलू रौतेली पुरस्कार हुआ है। इससे अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी।