ऋषिकेश : भक्ति और ईश्वर के प्रति समर्पण के माध्यम से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है- उमाकांत पंत

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ऋषिकेश : रामानुजाचार्य जयंती की पूर्व संध्या पर सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज आवास विकास में विद्यालय परिवार ने स्मरण किया  श्री रामानुजाचार्य को इस पर विद्यालय के प्रधानाचार्य उमाकांत पंत ने उनके बारे में छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि रामानुज वेदांत के विशिष्टाद्वैत उपसंप्रदाय के मुख्य प्रस्तावक के रूप में प्रसिद्ध हैं।उन्होंने जातिवाद की निंदा की. उन्होंने निम्न वर्ग के लोगों को मेलुकोटे के मंदिर में प्रवेश करने में सक्षम बनाया। उन्होंने श्रीवैष्णव धर्म का प्रसार किया। उन्होंने घोषणा की कि भक्ति और ईश्वर के प्रति समर्पण के माध्यम से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।उन्होंने यूँ तो कई ग्रन्थों की रचना की किन्तु ब्रह्मसूत्र के भाष्य पर लिखे उनके दो मूल ग्रन्थ सर्वाधिक लोकप्रिय हुए – श्रीभाष्यम् एवं वेदान्त संग्रहम्।इस अवसर पर  नागेंद्र पोखरियाल,सतीश चौहान, कर्णपाल बिष्ट, नरेंद्र खुराना,मनोज पंत, योगेश देवली, सुहानी सेमवाल,मीनाक्षी उनियाल आदि मौजूद रहे।

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