ऋषिकेश : सैनिक स्कूल की तर्ज पर चलता हुआ “रेड फोर्ट” स्कूल, अप्रैल से डे बोर्डिंग होगी शुरू, जहाँ नौकरी पाने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनता है छात्र

मनोज रौतेला की रिपोर्ट-
ऋषिकेश : अनुशासन के मामले में सैनिक स्कूलों का कोई जवाब नहीं है. लेकिन कहते हैं इंसान कुछ कर गुजरने की सोचे, विजन अच्छा हो और ईमानदारी से लगे रहे तो कम से समय में सफलता के कदम चूमा जा सकते हैं.
यह कर दिखाया है ऋषिकेश में “रेड फोर्ट इंटरनेशनल स्कूल” ने. इस स्कूल ने अपना फॉर्मैट काफी हद तक सैनिक स्कूल की तर्ज पर अपने को रखा है. अब उसी कसौटी पर अपने आप को खरा उतार रहा है. जहाँ विद्यार्थी सिर्फ शिक्षा ग्रहण करने नहीं जाता है बल्कि कुछ बन कर ‘अनुशासन’ के साथ निकलता है. जो उसके जीवन पर काम आता है. जो नौकरी पाने के लिए अपने आप को तैयार नहीं पता है बल्कि नौकरी देने वाला बन कर कॉन्फिडेंस के साथ दुनिया के सामने खड़ा रहता है. उसी स्कूल का नाम है गंगा किनारे स्थित “रेड फोर्ट इंटरनेशनल स्कूल”.
रविवार को विस्थापित निर्मल ब्लॉक बी स्थित ‘रेड फोर्ट इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल’ में एक प्रेस वार्ता का आयोजन की गयी थी. जिसमें आगामी शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में विद्यालय द्वारा जो नई व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं उन सभी व्यवस्थाओं को पत्रकारों के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
प्रेस वार्ता के प्रमुख बिंदु कुछ इस प्रकार रहे:-
1.आगामी शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 5 से कक्षा 12 तक स्कूल डे बोर्डिंग मोड पर चलाया जाएगा जिसमें अतिरिक्त कक्षाओं के संचालन से स्कूल में ही बच्चों को अतिरिक्त कक्षाएं दी जाएंगी जिससे कि अभिभावकों का ट्यूशन का अतिरिक्त खर्च बच सके।
2.सप्ताह में प्रत्येक शनिवार छात्र-छात्राओं की रुचि अनुसार गठन किए गए सह-पाठयक्रम गतिविधि क्लबों के अनुसार बैग रहित दिवस किया जाएगा जिसमें शिक्षा के अलावा अन्य रचनात्मक एवं सह-पाठयक्रम गतिविधियों पर छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण देकर तैयार उनका बौद्धिक स्तर बढ़ाया जाएगा।
3.देश और समाज के लिए राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत एक अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण करना साथ ही समाज को एक जिम्मेदार नागरिक प्रदान करना विद्यालय का मुख्य उद्देश्य रहेगा।
4.विद्यालय द्वारा आर्थिक रूप से असहाय एवं निर्बल वर्ग के परिवारों के बच्चों को जरूरत की पाठशाला के तहत मुफ्त में पठन-पाठन सामग्री एवं प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की जाएगी।
5.खेलकूद व अन्य गतिविधियों में भी विद्यालय द्वारा छात्र छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा इसमें प्रमुख रूप से शूटिंग, शारीरिक सुरक्षा की दृष्टि से कराटे एवं शरीर के संपूर्ण विकास हेतु योग प्रमुख रूप से अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
6. मातृभाषा के साथ-साथ व्यवसायिक भाषा तथा अन्य भाषाओं का ज्ञान इसमें प्रमुखता अंग्रेजी, फ्रेंच व अन्य भाषाओं को छात्र-छात्राओं को उक्त भाषा के जानकारों द्वारा प्रशिक्षण देकर भाषा में धारा प्रवाह बनाया जाएगा।
7. देश विदेश में हो रही समस्त आर्थिक राजनीतिक अन्य गतिविधियों का ज्ञान उस पर अपने विचार रखने हेतु वाद-विवाद, भाषण के माध्यम से छात्रों को तैयार किया जाएगा।
8. नई शिक्षा नीति के तहत एनसीईआरटी की पुस्तकें एवं नवीन पाठ्यक्रम को सुचारू रूप से विद्यालय में लगाया जाएगा।
9. नई शिक्षा नीति के अनुसार कौशल आधारित शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा जिसमें छात्र छात्राओं को उनके द्वारा चयनित कौशल विषय पर अध्ययन कराया जाएगा।
10. विद्यालय में दूरदराज के क्षेत्रों एवं अन्य देशों से पढ़ने के इच्छुक छात्र छात्राओं को छात्रावास की सुविधा भी विद्यालय द्वारा आगामी शैक्षणिक वर्ष में दी जाएगी।
इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन डॉ शूरवीर सिंह बिष्ट, विद्यालय के प्रधानाचार्य विशाल शर्मा एकेडमिक हेड देवेंद्र बिष्ट, समन्वयक अमित गांधी, एवं यशवंत चौहान, राजेंद्र प्रसाद रतूड़ी आदि मौजूद थे.
‘रेड फोर्ट इंटरनेशनल स्कूल’ में कौन है ऐसी अलग सोच के पीछे, जानिये-
इस विद्यालय के चेयरमैन डॉ शूरवीर सिंह बिष्ट हैं. वे एक सेवानिवृत फौजी हैं. इसलिए विद्यालय में अनुशासन कूट कूट कर भरा हुआ है. देश भक्ति इनके रंग रंग में है इसमें कोई शक नहीं है. बिष्ट ने बताया हमारे यहाँ बच्चा नमस्ते या गुड मॉर्निंग गुड इवनिंग नहीं कहता है बल्कि, जय हिन्द कहता है जब भी जहाँ भी मिलेगा आपको ऐसे सम्बोधन, अभिवादन करेगा. दूसरा यहाँ पर छात्र-छात्रा नहीं बल्कि कैडेट्स बोला जाता है. जैसे सैनिक स्कूल में कहा जाता है.बिष्ट ने बताया हमारे यहाँ का बच्चा कल को यहाँ से कुछ बन कर निकले यही हमारा उद्देश्य रहता है. वो नौकरी पाने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बने ऐसा हम उसको तैयार करते हैं. बिष्ट ने बताया हमें छात्र-छात्राएं अधिक नहीं चाहिए लेकिन जो आये वो क्वालिटी एजुकेशन पाए और अनुशासन के साथ तो हमें ख़ुशी होगी. हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं. हमारे यहाँ फीस भी नार्मल है. हम बच्चे का लिखित में टेस्ट लेते हैं माता पिता के बारे में जानते हैं और बच्चे का चुनाव करते हैं वो हमारे स्कूल के फॉर्मैट के हिसाब से चल पायेगा या नहीं.
स्कूल के प्रिंसिपल युवा हैं और डायनामिक हैं सैनिक स्कूल से पास आउट हैं. उनका नाम है विशाल शर्मा. विजन के साथ और क्या करना है उस गोल को चलने वाले ब्यक्ति हैं विशाल शर्मा.उनका कहना था मुझे चेयरमैन सर से जब मिला तो मैं काफी प्रभावित हुआ. इस तरह के भी लोग हैं समाज में. जो अपने बेस्ट देने की कोशिश कर रहे हैं.मेरा भी मोटो यही है शिक्षा देते रहूं और शिक्षक के तौर पर जाना जाऊं. स्कूल में शानदार फाइव स्टाफ सुविधाएँ हैं. शानदार पांच मंजिला हॉस्टल है. अप्रैल महीने डे बोर्डिंग शुरू हो जायेगा. इसका मतलब है चार बजे छुट्टी होगी. बच्चे को ट्यूशन जाने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी. उसको उसी अनुसार हम तैयार कर रहे हैं.
शूटिंग रेंज-
स्कूल के अंदर अपना शूटिंग रेंज है. तीसरी मंजिल में. जहाँ पर कई इवेंट आयोजित हो चुके हैं. स्कूल के बच्चे इसमें प्रैक्टिस करते हैं जो बच्चा शूटिंग में अच्छा करता है उसको खिलाड़ी के तौर पर भी प्रोत्साहन दिया जाता है. साथ ही 16 क्लब बनाये गए हैं देश के वीर जवानों के नाम पर. जिनके तहत बच्चे खेल व् अन्य क्रिया कलाप करते हैं और सीखते हैं. देखा जाये तो ऋषिकेश, देहरादून में एक अलग तरह की शिक्षा के साथ साथ बच्चे को एक शानदार नागरिक जो देश भक्त तो बनता ही है साथ ही एक नौकरी देने वाला लीडर के तौर पर तैयार करने वाला शिक्षण संसथान है रेड फोर्ट इंटरनेशनल स्कूल.