ऋषिकेश : गंगा सेवा रक्षा दल द्वारा शहर में ऐतिहासिक आश्रम, धर्मशाला, गौशाला को खुर्द बुर्द करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गयी, SDM को सौंपा ज्ञापन

ऋषिकेश : सोमवार को गंगा रक्षा सेवा दल के लोग मिले एसडीएम से, पंडित नरेंद्र शर्मा के नेतृत्व में मिलने गए लोगों ने अपनी मांग रखीं. गंगा सेवा रक्षा दल द्वारा उप जिलाधिकारी सौरभ असवाल से मुलाकात कर देवभूमि के ऐतिहासिक आश्रम ,धर्मशाला, गौशाला को खुर्द बुर्द करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने एवं अवैध रूप से हो रहे नव निर्माणों पर रोक लगाए जाने को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है, विश्वभर मैं प्रसिद्ध देवभूमि ऋषिकेश का अस्तित्व पौराणिक मंदिर आश्रम धर्मशालाओ से है। ऋषिकेश को अनेकों नामों से विश्व भर में जाना जाता है, तीर्थ नगरी, योग नगरी, स्नान धाम, धर्मनगरी, देवभूमि, यहां पर प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में देसी विदेशी श्रद्धालु यात्रियों का आवागमन होता है।उत्तराखंड कि चारों धाम यात्रा का प्रारंभ भी ऋषिकेश से ही किया जाता है। नीलकंठ यात्रा भी ऋषिकेश से ही प्रारंभ होती है। पौराणिक आश्रम ,धर्मशाला एवं मंदिर नगर निगम में दर्ज जिनकी संख्या लगभग 137 है जो समाचार पत्र द्वारा प्रकाशित की गई है। यहां के मंदिर आश्रम धर्मशाला का निर्माण श्रद्धालुओं द्वारा यात्रियों की सुख सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की याद में बनवाया गया था। आश्रम धर्मशाला आदि के निर्माणकर्ताओं के परिवार का हस्तक्षेप ना होने के कारण खंडहर होती जा रही हैं। कुछ स्थानों पर संचालकों के परिवार एवं किराएदार कब्जा किए हुए हैं।
भू माफिया एवं संचालकों की मिलीभगत से समस्त ऐतिहासिक, धर्मशालाओ, मंदिरों, आश्रमओ को खुर्द, कर भूमि का स्वरूप बदलने वाले दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त एवं कठोर कार्रवाई करते हुए संबंधित विभागो, तहसील प्रशासन, MDDA, नगर निगम, आदि को निर्देशित कर अवैध नव निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए नव मानचित्र की स्वीकृति प्रदान किए जाने पर प्रतिबंध लगाएंगे। नगर के आश्रम धर्मशालाओ मैं निवास कर रहे व्यक्तियों जांच एवं सत्यापन की कार्यवाही कराना भी अति आवश्यक है। इस प्रकरण को गंभीरता से ना ले जाने पर संबंधित विभागों के खिलाफ संगठन को न्यायालय की शरण लेने पर मजबूर होना पड़ेगा।