ऋषिकेश : पैराशूट का आनंद “पैरासेलिंग” के मार्फ़त रोमांच का अहसास…श्री पूर्णानंद पब्लिक स्कूल के द्वारा बच्चों के लिए भरत मंदिर ग्राउंड में समर कैंप आयोजित (वीडियो देखिये)

ख़बर शेयर करें -

ऋषिकेश : श्री पूर्णानंद पब्लिक स्कूल ने इस बार एक अलग तरह का समर कैंप आयोजित किया गया. जो पहली बार किया गया था. साहसिक पर्यटन की दृष्टि से देखा जाए तो यह काफी रोमांचक और उत्साहवर्धक था. स्कूल के बच्चों ने इसका भरपूर लुत्फ़ उठाया. ऋषिकेश के बीचों बीच पैराशूट उड़ना और इस उड़ान का बच्चों ने शानदार लुत्फ़ उठाया.

वीडियो में देखिये—-बच्चों की पैरासेलिंग>>>>>>>>

शनिवार को श्री पूर्णानंद पब्लिक स्कूल द्वारा समर कैंप के अंतर्गत प्रथम एक्टिविटी पैरासेलिंग का आयोजन किया गया. स्थान था श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज का मैदान. प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत तथा रंजन अंथवाल के विशेष सहयोग तथा इंडियन एयर फ़ोर्स (आई.ए.एफ) कमांडर पैरासेलिंग कोच स्काई डाइवर मिस्टर कौशिक की देखरेख में सफलतापूर्वक संपन्न किया गया‌. जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. वहीँ बच्चों के साथ अभिभावक भी अपने आप को नहीं रोक सके उन्होंने भी पैरासेलिंग के इस कार्यक्रम में खुशी खुशी प्रतिभाग किया.वहीं, विद्यालय द्वारा करवाए गए इस एक्टिविटी से बच्चों तथा अभिभावकों में खासा बहुत उत्साह देखने को मिला. इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्य विधि गुप्ता, उप प्रधानाचार्य दीपिका गोदियाल, कोऑर्डिनेटर शालिनी शर्मा, दीपिका कोठारी, मेघा कपूर, ममता काला, स्वेता कंसवाल , निशा रोका, सीमा, कीर्ति कोठारी, भावना, स्वाति, रवि ठाकुर, कमलेश सिंह, दीपक सेमवाल, शैलजा, रानी, काजल, दिव्या, स्वाति आदि शामिल रहे

ALSO READ:  सरकार  साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध-  सीएम धामी

क्या है पैरासेलिंग या पैरासेंडिंग ?

पैरासेलिंग, जिसे पैरासेंडिंग के नाम से भी जाना जाता है, एक मनोरंजक गतिविधि है जिसमें एक व्यक्ति को एक वाहन जीप या (आमतौर पर नाव) के पीछे खींचा जाता है, जबकि वह विशेष रूप से डिजाइन किए हुए एक पैराशूट के साथ जुड़ा हुआ होता है, जिसे पैरासेल कहते हैं।यह नाव तब पैरासेंडिंग करने वाले को हवा में उड़ाते हुए आगे बढ़ जाती है। अगर नाव पर्याप्त रूप से मजबूत है, तो दो या तीन लोग इसके पीछे एक ही समय में पैरासेल कर सकते हैं। पैरासेंडिंग करने वाले का पैराशूट पर कम या कोई नियंत्रण नहीं होता है।एक पैरासेल के छह भाग होते हैं। हार्नेस, पायलट को पैरासेल से जोड़े रखता है, जो नाव या जमीनी वाहन से खींचने वाली रस्सी के जरिए जुड़ा रहता है। यह गतिविधि मुख्य रूप से एक मनोरंजक सवारी है और इसे पैराग्लाइडिंग खेल के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए. विश्व भर में वाणिज्यिक पैरासेलिंग संचालित किए जाते हैं।

ALSO READ:  कैंची धाम में जाम का मामला...CM धामी ने बैठक लेकर तात्कालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए

 

यूरोप में भूमि आधारित पैरासेलिंग को भी प्रतियोगिता खेल में शामिल किया जाता है। भूमि आधारित पैरासेलिंग प्रतियोगिता में, एक पैरासेल को एक 4 पहिया वाहन के पीछे अधिकतम ऊंचाई तक खींचा जाता है और फिर वह रस्से को छोड़ देता है और परिशुद्धता प्रतियोगिताओं में उड़ कर एक लक्षित क्षेत्र तक पहुंचता है। इस खेल को 80 के दशक में विकसित किया गया था और तब से यह एक बहुत लोकप्रिय खेल बना हुआ है। 80 के दशक के मध्य से पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया और यह सिलसिला आज तक चल रहा है।

Related Articles

हिन्दी English