ऋषिकेश : पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव पहुंचे परमार्थ निकेतन गंगा आरती में किया सहभाग

रूद्राक्ष का दिव्य पौधा आशीर्वाद स्वरूप किया भेंट, रूद्राक्ष वन और नीलकंठ मार्ग पर अमृत  सरोवरों के  निर्माण की योजना पर  हुई चर्चा

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  • स्वामी  चिदनानद सरस्हावती ने केंद्रीय मंत्री को हिन्दूधर्म विश्व कोश के 11 खंड किये भेंट

ऋषिकेश : 22 दिसम्बर। परमार्थ निकेतन में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, श्रम एवं रोजगार मंत्री  भूपेन्द्र यादव  आये। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती  से भेंट का आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात विश्व विख्यात परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया। स्वामी  ने मंत्री  को प्रभु श्री राम की प्रतिमा भेंट करते हुये कहा किय प्रभु श्री राम के मन्दिर के साथ राष्ट्र मन्दिर का निर्माण हो रहा है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है जिसका जीवन व अर्थव्यवस्था दोनों पर गहरा असर हो रहा है। पृथ्वी पर बढ़ते तापमान के कारण विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ मानव के अस्तित्व पर भी बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता। स्वामी  ने कहा कि जलवायु परिवर्तन किसी एक स्थान विशेष या किसी एक राष्ट्र की समस्या नहीं है बल्कि इसका प्रभाव संपूर्ण विश्व में देखने को मिल रहा है। पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होने से हिमनद पिघल रहे हैं और महासागरों का जल स्तर बढ़ता जा रहा, परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाओं के साथ कुछ द्वीपों के डूबने का खतरा भी बढ़ गया है। निरंतर बढ़ती हुई आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये वृक्ष काटे जा रहे हैं जिससे पृथ्वी का हरित क्षेत्र तेजी से घट रहा है परिणामस्वरूप जलवायु परिवर्तन में तेजी आ रही है। साथ ही हरित क्षेत्र घटने से वन्य जीवन भी प्रभावित हो रहा है। स्वामी  ने बताया कि राजाजी नेशनल पार्क से भी वन्य जीव बस्तियों में आ जाते हैं जिससे आस-पास रहने वालों का दैनिक जीवन प्रभावित होता है तथा संघर्ष का खतरा भी बना रहता है। वन्य जीवों विशेषकर हाथियों को जंगल में ही जल उपलब्ध करवाने के लिये नीलकंठ मार्ग पर अमृत सरोवरों का निर्माण की योजना बनायी जा रही है ताकि जंगलों में ही हाथी व अन्य वन्य जीवों को पानी मिले, स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र बना रहे और जैव विविधता को भी बढ़ावा मिले इसलिये परमार्थ निकेतन द्वारा नीलकंठ मार्ग, राजाजी नेशनल पार्क में अमृत सरोवरों का निर्माण पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किये जाने की योजना बनायी जा रही है ताकि इसका विस्तार अन्य स्थानों पर भी किया जा सके।

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इस अवसर पर उत्तरकाशी, रूद्राक्ष वन पर भी विस्तृत चर्चा हुई। स्वामी  ने कहा कि पवित्र व धार्मिक स्थलों के आस-पास रूद्राक्ष वनों व वाटिकाओं का निर्माण करने से प्रकृति व संस्कृति दोनों को सुरक्षित किया जा सकता है, साथ ही रोजगार के अवसर भी प्रदान किये जा सकते हैं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव  ने कहा कि स्वामी के मार्गदर्शन व आशीर्वाद से परमार्थ निकेतन में पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण के लिये अनेक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन गंगा आरती के माध्यम से हरित पर्व और उत्सव मनाने का संदेश प्रसारित कर जनसमुदाय को पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रेरित किया जा रहा है। रूद्राक्ष का पौधा उपहार में माँ गंगा जी के आशीर्वाद स्वरूप सभी अतिथियों को प्रदान किया जाता है जो अत्यंत अनुकरणीय है। यहां आकर गंगा जी की आरती में सहभाग कर अत्यंत शान्ति का अनुभव हो रहा है। यह स्थान वास्तव में स्वर्गतुल्य है।उन्होंने कहा कि महाग्रंथ हिन्दू धर्म विश्वकोश, गंगा जी की आरती और गुरूकुलों का निर्माण पूरे विश्व को सनातन की अद्भुत भेंट हैं।स्वामी  ने माँ गंगा जी के पवित्र तट पर भूपेन्द्र यादव  को रूद्राक्ष का पौधा आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया।

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