पिथौरागढ़: मानवीय संवेदनशीलता का उदाहरण—DM ने डीपीआरओ को दिए अस्थाई आवास उपलब्ध करने के निर्देश

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  • संवेदनशील प्रशासन की मिसाल: डीएम के निर्देश पर महिला को पंचायत घर में अस्थायी आवास
  • डीएम की दो-टूक: जनसुनवाई औपचारिकता नहीं, जवाबदेही की कसौटी
  • कोई भी फरियादी निराश न लौटे”—जिलाधिकारी के अधिकारियों को कड़े निर्देश
पिथौरागढ़ : जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में आज जिलाधिकारी पिथौरागढ़  आशीष भटगांई की अध्यक्षता में साप्ताहिक जनसुनवाई का आयोजन किया गया। जनसुनवाई का उद्देश्य नागरिकों की समस्याओं को सीधे सुनकर उनका त्वरित, पारदर्शी एवं समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करना रहा।जिलाधिकारी ने जनसुनवाई के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनसुनवाई कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता की वास्तविक समस्याओं के समाधान का सशक्त माध्यम है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही, टालमटोल या अनुत्तरदायित्व स्वीकार्य नहीं होगा।उन्होंने कहा, “शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध और परिणामोन्मुखी होना चाहिए। कोई भी फरियादी निराश होकर न लौटे—यही प्रशासन की वास्तविक कसौटी है।”
आज की जनसुनवाई में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से 50 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से अधिकांश शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया गया, जबकि जिन मामलों में विभागीय जांच या प्रक्रिया आवश्यक थी, उन्हें संबंधित विभागों को तत्काल संदर्भित करते हुए शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए गए।जनसुनवाई में प्राप्त प्रमुख शिकायतों में विकास कार्यों की तकनीकी जांच, मोटर मार्ग एवं पेयजल योजनाओं में अनियमितताएँ, निर्माण कार्यों में देरी, भूमि एवं रजिस्ट्री विवाद, वन पंचायत भूमि, पाइपलाइन मरम्मत, सड़क सुधार, विद्युत आपूर्ति, सोलर लाइट, पेंशन, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड एवं विभिन्न प्रमाणपत्रों से जुड़ी समस्याएँ शामिल रहीं। जिलाधिकारी ने कई मामलों में स्थलीय निरीक्षण कर त्वरित समाधान के निर्देश दिए।
विशेष रूप से तारा धानिक, निवासी मुनाकोट, द्वारा मकान क्षतिग्रस्त होने की समस्या रखी गई। इस पर जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि संबंधित महिला को पंचायत घर में अस्थायी आवास की सुविधा तत्काल उपलब्ध कराई जाए।जनसुनवाई में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को उठाते हुए सड़क, पेयजल एवं विकास कार्यों में तेजी लाने का आग्रह किया। जिलाधिकारी ने सभी मामलों में संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए।जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि माननीय मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार प्रत्येक सोमवार आयोजित होने वाली जनसुनवाई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जनता को बिना किसी भटकाव के राहत मिले। उन्होंने कहा, “जनता की समस्या का त्वरित समाधान ही प्रशासन की असली परीक्षा है।”
जनसुनवाई के उपरांत जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 पर लंबित शिकायतों की समीक्षा की। 36 दिनों से अधिक लंबित मामलों पर उन्होंने कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए संबंधित विभागों को तत्काल समाधान एवं नियमित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।जनसुनवाई में अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास आशीष पुनेठा, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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