ऋषिकेश में पीजी कॉलेज की जमीन पार्किंग के लिए आश्रम को सौंप दी ! छात्र हुए आक्रोशित

दो सूत्रीय मांग की छात्रों ने या तो निर्माण करवाओ हॉस्टल का या फिर भरत मंदिर को वापस करे जमीन

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  • ऋषिकेश का इतिहास रहा है अधिकतर जमीन या तो  आश्रमों के नाम है या फिर उनको  किराए/लीज पर दे दी गयी है
  • आश्रम अधिकतर कमर्शियल काम कर रहे हैं, ऐसे में शहर का स्वरुप बदलता जा रहा है, लेकिन आश्रम केंद्र बिंदु में हैं 
  • भू माफिया भूमि के टुकड़ों पर गिद्ध की नजर ले कर दिन रात शहर में टकटकी लगाए बैठे हैं 
  • शनिवार को पीजी कॉलेज के छात्रों/छात्रसंघ  ने लगाया आरोप यूनिवर्सिटी डायरेक्टर पर चुप-चाप जमीन पार्किंग के लिए आश्रम को दे दी बिन सूचना…बिन टेंडर के 
  • अगर ऐसा  हुआ है तो सवाल उठाना और  उठाना लाजमी है, कॉलेज प्रशासन को मामले में जवाब  देना चाहिए 
ऋषिकेश : श्री देव सुमन परिसर ऋषिकेश (पीजी कॉलेज) की हाल ही में आजाद हुई अंबेडकर चौक स्थित छात्रावास की संपत्ति को विश्वविद्यालय के निदेशक  ने श्री  दादू आश्रम को  पार्किंग के लिए बिना सूचना ,निविदा ,नोटिस के आधार पर आश्रम को दे दिया.  इस पर समस्त छात्र  छात्राएं  एवं छात्र संघ  आक्रोशित हो गया.छात्र संघ महासचिव माधवेंद्र मिश्रा ने बताया कि माह फरवरी में छात्र-छात्राओं की एकता एवं वर्तमान छात्र संघ के अथक प्रयासों एवं विश्वविद्यालय के प्रयासों द्वारा अंबेडकर चौक स्थित विश्वविद्यालय की विवादित संपत्ति का नामांकन पुनः विश्वविद्यालय के नाम दर्ज हुआ था.  इसके उपरांत उक्त संपत्ति श्री देव सुमन परिसर ऋषिकेश के अंतर्गत आ गई. कुछ समय बाद विश्वविद्यालय द्वारा उसके चारों ओर बाउंड्री लाइन करवा कर आगे छात्रावास निर्माण किया जाये.  लेकिन विश्वविद्यालय की उक्त भूमि पर निदेशक ने बिना किसी सूचना के भूमि को श्री दादू आश्रम की कार  पार्किंग के लिए दे दिया. जो  बहुत ही निंदनीय कार्य  है. महासचिव ने बताया कि समस्त छात्र-छात्राएं जिनका आवागमन दूरस्थ क्षेत्रों से होता है. वह छात्रावास बनने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वह आवास का लाभ उठाकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें. किंतु ऐसे में निदेशक  ने उक्त भूमि को श्री दादू आश्रम को कार पार्किंग हेतु देकर अत्यंत निंदनीय कार्य किया है. सम्बंधित मामले में महासचिव माधवेंद्र मिश्रा ने दो सूत्रीय मांग की पहल की है.
पहली मांग विश्वविद्यालय द्वारा उक्त भूमि के चारों ओर बाउंड्री लाइन करने के पश्चात छात्रावास के निर्माण कार्य को अति शीघ्र करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए एवं दूसरी मांग यह की कि अगर श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय एवं कॉलेज प्रशासन उक्त भूखंड पर निर्माण कार्य करने में असक्षम  है तो उक्त भूमि को भूमि के मूल स्वामी श्री भरत मंदिर गद्दी  महंत  वत्सल प्रपन्नाचार्य  को वापस सौंप देनी चाहिए. ताकि उक्त भूमि को ऋषिकेश के जनमानस के कल्याण के लिए उपयोग किया जा सके. इस दौरान   छात्रसंघ अध्यक्ष हिमांशु जाटव ने कहा कि उक्त भूमि पर छात्रावास निर्माण की प्रक्रिया जल्द से जल्द प्रारंभ होनी चाहिए. ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन के लिए आने वाले दिनों में जवाब देना मुश्किल हो सकता है, आंखिर किसके कहने पर और किस आधार पर जमीन पार्किंग के दी आश्रम को. `बड़ी मुश्किल से सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद जमीन कब्जे में ली थी आगे क्या गारंटी है कोई और कब्जा न करे ? खैर,  इस मौके पर छात्र नेता राघवेंद्र मिश्रा, रवि बिष्ट, मयंक भट्ट, भूमिका, अजय, सचिन, प्रियांशु कुमारी, साहिल भट्ट, अंजनी कुमार, पियूष गुप्ता, तस्वीर अंसारी इत्यादि छात्र छात्राएं मौजूद रहे.

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