मुनि की रेती : संस्कृत दिवस पर श्री दर्शन महाविद्यालय में 80 बटुकों का वैदिक रीति से हुआ यज्ञोपवीत संस्कार सम्पन्न



- रक्षाबंधन श्रावणी पूर्णिमा संस्कृत दिवस पर श्री दर्शन महाविद्यालय में 80 बटुकों का वैदिक रीति से हुआ यज्ञोपवीत संस्कार सम्पन्न
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मुनि की रेती : रक्षाबंधन के पावन अवसर पर श्री दर्शन महाविद्यालय, मुनि की रेती, टिहरी गढ़वाल में 80 बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार वैदिक रीति से सम्पन्न हुआ। यह पवित्र आयोजन गणपत्यादि पंचांग पूजन से प्रारम्भ हुआ, जिसके बाद बटुकों ने दश विधि स्नान कर शुद्धिकरण के पश्चात् यज्ञोपवीत धारण किया। यज्ञोपवीत संस्कार से पूर्व बटुकों ने दश विधि स्नान की प्रक्रिया का पालन किया, जिसमें वैदिक मंत्रों के साथ स्नान करके तन, मन और आत्मा को शुद्ध किया गया। इसके पश्चात् बटुकों ने अपने गुरुओं के निर्देशन में दंड धारण किया, जो अनुशासन और ज्ञान का प्रतीक है। दंड धारण के साथ ही उन्होंने अपने जीवन में ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने का संकल्प लिया। संस्कार की विधि को संपन्न करवाने में महाविद्यालय के प्रमुख आचार्यों डा. सुशील कुमार नौटियाल, डा. हर्षानन्द उनियाल, और आचार्य संदीप कुकरेती ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मिलकर इस यज्ञोपवीत संस्कार को संपादित किया और बटुकों को वैदिक परंपराओं के अनुसार संस्कारित किया।


इस अवसर पर श्री गीता आश्रम इंटरनेशनल ट्रस्ट से भानु मित्र शर्मा, विद्यालय के आचार्य आशीष जुयाल, मुकेश कुमार बहुगुणा, सत्येश्वर प्रसाद डिमरी, डा. कमल डिमरी, सीमा, अनूप सिंह रावत, पूर्णानन्द सिलस्वाल, गोपी सिलस्वाल हरीश सिलस्वाल, प्यारे लाल तिवाडी, राम प्रसाद सेमवाल रामकृष्ण पोखरियाल गुजरात के उद्योग़पति दया भाई ठक्कर पर्यावरण विद चंडी प्रसाद भी उपस्थित रहे और कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी बटुकों को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी बटुकों और उनके परिवारजनों ने प्रसाद ग्रहण किया और इस आयोजन की सफलता पर महाविद्यालय के प्रति आभार प्रकट किया। रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर सम्पन्न हुआ यह यज्ञोपवीत संस्कार बटुकों के जीवन में एक नई शुरुआत का संकेत है, जो उन्हें सन्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेगा।
