एम्स ऋषिकेश में फोरेंसिक साइंस के गूढ़ रहस्यों से रूबरू हुए नर्सिंग विद्यार्थी

- एम्स ऋषिकेश के कॉलेज ऑफ नर्सिंग में फोरेंसिक नर्सिंग विषय पर संगोष्ठी, विशेषज्ञों ने व्याख्यानमाला प्रस्तुत की

वक्ताओं ने महत्वपूर्ण आपराधिक मामलों के प्रबंधन और दुर्व्यवहार के पीड़ितों की देखभाल में नर्सों की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला। डीन प्रोफेसर जया ने बताया कि अब ऐसे मामलों की गंभीरता बढ़ गई है।लिहाजा नर्सेस साक्ष्य एकत्रिकरण, उन्हें संरक्षित करने व साक्ष्यों का दस्तावेजीकरण कर सकती हैं, जिनका उपयोग संबंधित केस की न्याय प्रक्रिया के दौरान आपराधिक जांच और कानूनी कार्यवाही में किया जा सकता है।संगोष्ठी में बतौर विशिष्ट वक्ताओं में आईक्यू सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग साइंसेज, दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल की प्रिंसिपल डॉ. जयदीपा आर. शामिल थीं, उन्होंने भारत और विश्व स्तर पर फोरेंसिक नर्सिंग से जुड़े विभिन्न पहलुओं व भूमिका पर व्याख्यान दिया। एम्स ऋषिकेश के फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. आशीष भूटे ने ‘पीड़ित और आरोपी के अधिकार’ विषय पर प्रकाश डाला। एमवीएएसएमसी, उत्तर प्रदेश के फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अरिंदम चटर्जी ने ‘पीड़ित की जांच और साक्ष्य के संरक्षण’ पर एक सत्र लिया। संस्थान के फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. बिनय कुमार बस्तिया ने ‘भारतीय न्यायिक प्रणाली और फोरेंसिक से संबंधित कानूनी प्रक्रिया’ के बारे में बताया। विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक विभिन्न सत्रों में भाग लिया और विशेषज्ञों से विषय से संबंधित गूढ़ जानकारियों के साथ साथ अपनी शंकाओं का समाधान किया। इस अवसर पर सह-आयोजन सचिव डॉ. ज्योति शौकीन द्वारा विशेषज्ञों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।