नरेन्द्र नगर : त्रिपक्षीय वार्ता के बाद ग्रामीणों का आंदोलन हुआ समाप्त, अपने लिए सड़क की मांग कर रहे थे ग्रामीण, सेना के साथ था गतिरोध

नरेंद्र नगर : विगत पांच दिनों से चला आ रहा डोर, तलाई, ओणी व बखरियाना के ग्रामीणों का क्रमिक अनशन आज तहसील प्रशासन, ग्रामीण प्रतिनिधि मंडल तथा सेना के उच्च अधिकारीयो से वार्ता के बाद आज समाप्त हो गया। जिसको लेकर तहसील प्रशासन ने राहत की सांस ली।
अपनी सड़क की मांग को लेकर विगत 9 मार्च से ग्रामीण लगातार आंदोलित थे। ग्रामीणों का कहना था कि नरेंद्र नगर में स्थित आर्मी कैंप से ग्रामीणों को नाजायज रूप से परेशान किया जा रहा था। बार-बार आर्मी की जवानों के साथ आवा गमन के दौरान झड़प तक हो जाती थी। आर्मी के इस व्यवहार से ग्रामीण धरने पर बैठे थे। लेकिन आज पांचवे दिन तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल ने ग्रामीणो के बीच पहुंचकर आंदोलन को समाप्त करवाया।उन्होंने कहा कि उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी के द्वारा आर्मी के उच्च अधिकारियों से समझौता हुआ है कि गांव जाने वाले मार्ग पर अनावश्यक किसी को परेशान नहीं किया जाएगा। प्रशासन द्वारा आर्मी के बने दोनों चेकिंग गेट पर चार-चार हेलमेट रख दिए गए हैं जिसका प्रयोग ग्रामीण भविष्य में करेंगे।साथ ही उन्होंने कहा कि शराब या अन्य नशे में कोई भी व्यक्ति आर्मी सीमा के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगा । आर्मी सीमा में आवागमन करने वाले सभी व्यक्ति अपने पास आईडी अवश्य रखें आपातकालीन समय में ग्रामीण एवं आर्मी जवान आपसी सामंजस्य बनाकर कार्य करेंगे।
इससे पूर्व उप जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार नरेंद्र नगर अयोध्या उनियाल , सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग साहब सिंह सैनी, अवर अभियंता संजय कठेत , पटवारी पवन कुमार, गोपाल गोपाल पुंडीर ने ग्रामीणों के साथ मिलकर आर्मी गेट से पहले भविष्य में अलग से अन्य रोड का भौतिक सर्वे किया गया तथा लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर को यथाशीघ्र उक्त रोड का सर्वे करने के लिए निर्देशित किया गया। प्रशासन से वार्ता के पश्चात ग्रामीणों में उत्साह देखने को मिला । ग्रामीणों का नेतृत्व वरिष्ठ आंदोलनकारी सूरत सिंह आर्य के द्वारा किया गया उनके साथ बन सरपंच विक्रम सिंह कैतुरा, नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र राणा, रोहन पुंडीर,अरुण पुंडीर, जगमोहन, बलवंत, शीशपाल पुंडीर, मनवीर, विक्रम पुंडीर,जोत सिंह, सेवक राम, दिनेश कुमार,सोनू ,राजेश,अनिल विक्की, आदि बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।