मुनि की रेती : अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में चौथा दिन डगलस के नाम रहा

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  • महर्षि पतंजलि द्वारा प्रतिपादित अष्टांग योग की विशेष चर्चा रही

ऋषिकेश में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का पांचवा दिन डगलस आत्मानंद रेक्सफोर्ड के नाम रहा। डगलस ने मुख्य रूप से अष्टांग योग के बारे में दुनिया भर से आए योग साधकों को विस्तार से बताया। डगलस ने योग के आठ योगांग को विस्तार से समझाया। यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार,धारणा,ध्यान और समाधि को आज विस्तार से समझा और समझाया गया। योग के अष्टांग रूप को महर्षि पतंजलि द्वारा प्रतिपादित किया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवे दिन का इंतजार योग साधक विशेष रुप से कर रहे थे, क्योंकि योग के आठ नियमों को बताने के लिए मुख्य रूप से डगलस मौजूद थे। डगलस ने बताया कि दुनिया में सभी लोग सुख शांति चाहते हैं। जो भी कर्म, व्यक्ति करता है, उसका एकमात्र लक्ष्य सुख प्राप्ति का होता है। दुनिया में हर कोई सुख शांति की बात करता है और इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर ही हर साल किसी सम्मानित व्यक्ति को नोबल का शांति पुरस्कार प्रदान किया जाता है। शांति कैसे मिले इसे लेकर अलग-अलग प्रकार से अलग-अलग कामों को किया जाता है। डगलस ने बताया कि लेकिन महर्षि पतंजलि द्वारा प्रतिपादित अष्टांग योग के द्वारा मन की शांति की प्राप्ति होती है और हर व्यक्ति अगर इससे प्राप्त कर ले तो दुनिया में शांति स्थापित हो सकती है।

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इससे पहले सुबह रोज़ की तरह आयोग के विभिन्न आसन सिखाए गए। उसके बाद मेडिटेशन हुआ । इसके बाद बारी थी स्वामी बोधी वर्तमान की। स्वामी बोधी वर्तमान द्वारा लाफ्टर योगा के महत्व को बताया गया। बोधी वर्तमान में बताया कि कैसे लाफ्टर योगा शारीरिक और मानसिक रुप से कष्टों को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है ।

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युग के कार्यक्रम संपन्न होने के बाद आर्ट ऑफ लिविंग के द्वारा कीर्तन का कार्यक्रम हुआ इसके बाद मां गंगा के भावी आरती रोज की तरह हुई और आखिर में स्वराज बैंड द्वारा लाइव परफॉर्मेंस दिया गया जिसमें सभी साधकों का मनोरंजन किया।इस दौरान रॉबर्ट वुफोर्ड, माइकल टेबल, टीम जोन्स, डेनिस लॉन्गर, मार्टिन सिंपून,कान्हा गौर भी मौजूद रहे।

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