मुनि की रेती:पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता ओम गोपाल रावत के पिता चंदन सिंह रावत पंचतत्व में विलीन

मुनिकीरेती : विधानसभा नरेंद्रनगर के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता ओम गोपाल रावत के पिता चंदन सिंह रावत का शुक्रवार को अपने निवास फकोट में आकस्मिक निधन हो गया था। वह 84 वर्ष के थे। चंदन सिंह रावत का अंतिम संस्कार शनिवार को मुनिकीरेती के पैतृक पूर्णानंद घाट पर किया गया। उनके दोनों बेटे पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता ओम गोपाल रावत तथा आनंद रावत ने नम आंखों से पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
जुझारू व संघर्षशील व्यक्तित्व के धनी चंदन सिंह रावत के निधन की खबर सुनते ही गांव आगर, भिंगार्की, फकोट, खाड़ी, दुआधार सहित पट्टी धमान्दस्यूं में शोक की लहर छा गई। स्वर्गीय चंदन सिंह रावत के पिता अर्थात पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत के दादा राय सिंह रावत आजाद हिंद फौज के जांबाज सिपाही रहे हैं। देश के स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ने वाले आजाद हिंद फौज के नायाब सिपाही राय सिंह रावत की कार्य के प्रति निष्ठा, संघर्षशीलता संघर्षशीलता व देश प्रेम जैसे गुणों की झलक उनके पुत्र चंदन सिंह रावत व पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत के कार्य कार्यकलापों में भी देखने को मिलती है।पिता राय सिंह का जोश व जुनून, स्वर्गीय चंदन सिंह रावत के चेहरे पर भी ना सिर्फ साफ झलकता था बल्कि न्याय की लड़ाई लड़ने में वह मोर्चा संभालते हुए आंदोलनों का नेतृत्व करते हुए अग्रणी भूमिका निभाते थे। उम्र के ढलते पड़ाव पर होने के बावजूद चंदन सिंह रावत ने उत्तराखंड आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और आंदोलन का नेतृत्व करते हुए दिल्ली कूच के वक्त, रामपुर तिराहे के पुलिस गोली कांड में पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत के सीने में गोली मारी गई मगर ऊंचे हौसलों से लवरेज ओम गोपाल रावत इलाज के बाद निरंतर जन समस्याओं को उठाते हुए जनता के बीच हैं।जाहिर सी बात है कि चंदन सिंह रावत और ओम गोपाल रावत की कार्यशैली में कहीं ना कहीं आजाद हिंद फौज के जांबाज सिपाही रहे राय सिंह रावत के गुण परिलक्षित होते दिखाई देते हैं। दिवंगत चंदन सिंह रावत क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी अपने जीवन काल में सक्रिय रहे। उनके द्वारा क्षेत्र में स्कूलों की स्थापना, निर्माण एवं ब्लॉक स्थापना जैसे कार्यों में अपना भरपूर योगदान दिया गया। स्वर्गीय चंदन सिंह रावत लगातार 28 वर्षों तक अपनी ग्राम सभा आगर के निर्विरोध प्रधान रहे। वह अपने पीछे अपनी धर्मपत्नी सहित अपने दो पुत्र तथा 6 पुत्रियों का भरा पूरा परिवार छोड़कर गए हैं। मिलनसार एवं मधुर व्यवहार के धनी चंदन सिंह रावत के आकस्मिक निधन पर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
शनिवार को उनका अंतिम संस्कार मुनिकीरेती के पूर्णानंद पैतृक घाट पर किया गया। जहां सैकड़ों की तादाद में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। अंतिम यात्रा में शामिल होने वालों में कर्नल अजय कोठियाल, पूर्व काबीना मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार शीशपाल सिंह गुसाईं, चंद्र कैंतुरा, डॉ विजेंद्र सिंह भंडारी, पूर्व ब्लाक प्रमुख वीरेंद्र सिंह कंडारी, किशोर सिंह रावत, योगेश राणा, रमेश उनियाल, प्रदीप राणा, राजेंद्र रमोला, नीरज त्यागी, सचिन, अनिल भंडारी, बडेडा के प्रधान राजेंद्र सिंह नेगी, गजा के कुंवर सिंह चौहान, भास्कर गैरोला, भाजपा नेता शिव मूर्ति कंडवाल, नलिन भट्ट, विकास चंद्र रयाल, गजेंद्र सिंह राणा, सुरेंद्र कुलियाल उर्फ वंदे मातरम, राजेंद्र सिंह गुसाईं, पूर्व पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राणा,अनिल भंडारी, जयपाल नेगी , सुनील आर्य, पूरन पुंडीर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।