भू-कानून को लेकर गठित सुभाष कुमार समिति की रिपोर्ट सरकार सार्वजनिक करे : मोहित डिमरी

- सरकार को दी चेतावनी भू कानून नहीं लाया गया जल्द तो परिणाम भुगतने होंगे: मोहित डिमरी
- हिमाचल की तर्ज पर भू कानून लाने की मांग कर रही है समिति लम्बे समय से
- मूल निवास और सशक्त भू कानून को लेकर अब हम पीछे नहीं हटेंगे : मोहित डिमरी
- 24 सालों से राजनीतिक स्थिलता से राज्य के हक़ छीने गए हैं, हमें ठगा गया है : समिति
- लोग अपने जमीनों को न बेचें, जागरूक हों और एक यूनिटी में रहें तभी राज्य को बचा पाएंगे : समिति
- किया आगाह….राजनीतिक रोटियां सेकने वालों से सावधान रहें,अपने हक़ के लिए लड़ें : समिति
ऋषिकेश : (मनोज रौतेला) शुक्रवार को बस अड्डा स्थित ऋषिकेश प्रेस क्लब में मूल निवास, भू कानून समन्वय समिति की प्रेस वार्ता हुई. जिसमें बताया गया 20 सितम्बर को IDPL से ऋषिकेश तक रैली निकली जाएगी. जनसभा IDPL में होगी. इसको महारैली का नाम दिया गया है. पत्रकारों के सामने मुखातिब होते हुए समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने अपनी बातें सामने रखी. प्रेस वार्ता में जानकारी दी गयी, 29 अप्रैल को महारैली का आयोजन किया जायेगा. जिसमें हजारों लोगों के आने की संभावना है.हालाँकि जब उनसे पूछा गया कितने लोग आयेंगे लगभग तो कोई स्पष्ट संख्या नहीं बता पाए. लेकिन बोले हजारों आयेंगे..रैली से पहले जनसभा भी की जाएगी. जिसमें मूल निवास और भू कानून से सम्बंधित मुद्दे पर वक्ता अपनी बात रखेंगे. यह जनसभा या महारैली गैर राजनीतिक बताई गयी है. रैली सुबह 10 बजे से IDPL से चलेगी और त्रिवेणी घाट पर समापन होगा. समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने महारैली के बारे में जानकारी दी. ये भी बताया ये क्योँ वे कर रहे हैं ? उन्हूने कहा, उम मूल निवासियों के अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ रहे हैं. राज्य में संसाधनों में 90 फीसदी हक स्थानीय लोगों का है. लेकिन सरकार ने बाहरी लोगों को इसके दोहन की खुली छूट दे रखी है.
नौकरियों में भी मूलनिवासियों के हक़ को छीना जा रहा है. राज्य में उद्योग स्थापित कए जा रहे हैं लेकिन इसकी आड़ में उद्योग नहीं बल्कि प्लाटिंग हो रही है. प्रॉपर्टी डीलर माफिया प्रदेश में बढ़ रह अहै. भू माफिया जिसे कहते हैं…इससे डेमोग्राफी में बदलाव आ रहा है. सरकार से सख्त कानून बनाने की मांग की है समिति ने.डिमरी ने कहा पूर्वोत्तर राज्यों में कड़े कानून हैं. एक उत्तराखंड ही है जहाँ पर यह लागू नहीं है. अब हमें अपनी संस्कृति, अस्तित्व बचाने की चुनौती सामने आ खड़ी हो गयी है. अब इसका विरोध होगा. हम विरोध इसके बाद राज्य के अन्य भागों में करेंगे. हरिद्वार, देहरादून, कुमाऊं गढ़वाल के अलग अलग हिस्सों में. महारैली वाले दिन देहरादून, नरेन्द्र नगर, पौड़ी, यमकेश्वर, टिहरी से बाइक/स्कूटी से रैली में शिरकत करने लोग आयेंगे. प्रेस वार्ता के दौरान समिति के महसचिव प्रांजल नौडियाल, उषा डोभाल, हिमांशु रावत, एलपी रतूड़ी, मोहन सिंह रावत, शशि रावत, हर्ष व्यास, संजय सिल्स्वाल, सुरेन्द्र सिंह नेगी,अमन नौटियाल, कुसुम जोशी आदि लोग मौजूद रहे.
समिति ने जो रिपोर्ट सौंप दी थी अब फैसला सरकार को करना है –भू कानून के अध्यन और परिक्षण के लिए गठित समिति ने 5 सितम्बर २०२२ को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. समिति के अध्यक्ष सुभाष कुमार जो पूर्व मुख्य सचिव भी हैं…उन्होंने कई सिफारिशें की हैं रिपोर्ट में. धामी ने जुलाई २०२१ में हाई लेवल कमिटी बनाने का फैसला किया था. 80 पेज की रिपोर्ट में अलग अलग संगठनों, पक्षकारों, राज्य के हितबद्ध, संस्थावों / संस्थानों से सुझाव आमंत्रित कर गहन विचार विमर्श कर रिपोर्ट तैयार की गयी है. 23 संस्तुतियां सरकार को रिपोर्ट में करने को कहा गया है.
प्रेस कांफ्रेंस होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में प्रेस वार्ता की-
पत्रकारों से बात करते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार अगले बजट सत्र में वृहद भू-कानून लाने हेतु प्रयासरत है. भू-कानून के मुद्दे का समाधान भी हमारी सरकार ही करेगी…मुख्यमंत्री ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों को किया संबोधित..मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार भू कानून एवं मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवदेनशील है और हम अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू कानून लाने हेतु प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मार्च 2021 से अब तक लंबे समय से चले आ रहे विभिन्न मामलों का निस्तारण हमारी सरकार ने ही किया है, उसी प्रकार मैं, उत्तराखंड की जनता को यह विश्वास दिलाता हूं कि भू कानून के मुद्दे का समाधान भी हमारी सरकार ही करेगी।