दुनिया को योग का ज्ञान देने वाले योग के जनक महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली विकास से कोसों दूर

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गोंडा:  (राज कुमार सिंह)….अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर जहां एक तरफ पूरा विश्व योग के लिए तैयार है. तरह-तरह के आयोजन किए जा रहे  हैं. तो वहीं दूसरी तरफ एक कड़वा सच ये भी है कि दुनिया को योग का ज्ञान देने वाले योग के जनक महर्षि पतंजलि की गोंडा की जन्मस्थली विकास से कोसों दूर है। अयोध्या से महज 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोंडा जिले के कोडर गांव में महर्षि पतंजलि का आश्रम है. आज भी महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली के सामने योग की कार्यशाला चलाई जाती है. जहां प्रतिदिन सुबह काफी संख्या में लोग आते हैं. यहां पर तरह-तरह के योग को सीख करके जाते हैं। लोगों को योग के बारे में जानकारी देने के साथ यहां के इतिहास के बारे में भी बताया जाता है. योग करने के साथ-साथ लोग यहां की प्राकृति का आनंद लेते हैं। पर्यटन विभाग द्वारा यहां पर करोड़ों रुपए की लागत से धर्मशाला सहित अन्य निर्माण कार्य कराया जा रहा है। साथ ही साथ लगभग 30 लाख रुपए के निजी खर्चे से स्थानीय लोगों द्वारा महर्षि पतंजलि की मूर्ति मंगवाई गई है और मंदिर भी स्थानीय लोगों द्वारा बनवाया जा रहा है। पहली बार डीएम नेहा शर्मा के अथक प्रयास से महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली से 2 किलोमीटर की दूरी पर कंपोजिट विद्यालय कोडर में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। जहां पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान, डीएम नेहा शर्मा सहित जिले के हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे. लेकिन विकास मांग रहा है यह जगह….तभी योग के इस जनक का हम ऋण चुका पाएंगे.

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