उत्तराखंड के पहाड़ों में भी अब शिक्षा का अलख जगाने पहुंचा “अवादा फाउंडेशन” : रितु पटवारी

- “अवादा फाउंडेशन” अवादा ग्रुप की एक सामाजिक शाखा है. जो भारत के 19 राज्यों में ग्रामीण और वंचित समुदाय के विकास के लिए पांच मुख्य क्षेत्र में काम करता है
- पहाड़ों तक पहुंची डिजिटल शिक्षा की रोशनी “अवादा फाउंडेशन” की साझेदारी से उत्तराखंड की स्कूलों का हो रहा है अब कायाकल्प
- 466 विद्यालयों में स्कूल अपग्रेडेशन डिजिटल कंटेंट वितरण और शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं
- 42 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है
- अवादा फाउंडेशन ने COVID महामारी के कठिन समय में भी उत्तराखंड के ऋषिकेश और देहरादून के ग्रामीण इलाकों में उल्लेखनीय कार्य किया है
- अवादा फाउंडेशन का आने वाले समय में उत्तराखंड को डिजिटल शिक्षा में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है.

इसके अलावा पटवारी ने जानकारी देते हुए बताया, उत्तराखंड में अब 466 विद्यालयों में स्कूल अपग्रेडेशन डिजिटल कंटेंट वितरण और शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. स्कूल अपग्रेडेशन के तहत विद्यालयों को स्मार्ट एलइडी पैनल कंप्यूटर, वेबकैम, प्रिंटर स्पीकर जैसे डिजिटल संसाधनों से सुसज्जित किया गया है. जिससे बच्चों को व्यावहारिक अनुभव के साथ-साथ ऑडियो वीडियो आधारित ज्ञान भी मिल रहा है. डिजिटल एजुकेशन कंटेंट के माध्यम से विद्यार्थियों को एनीमेटेड वीडियो प्रेजेंटेशन एक्टिविटी बेस्ड शिक्षण सामग्री और क्विज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. यह सामग्री कक्षा नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के लिए है. जिससे विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों को उनकी समझ और स्टार के अनुसार शिक्षा मिल रही है. शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसके अंतर्गत शिक्षकों को डिजिटल टूल्स ऑनलाइन शिक्षण विधियां शिक्षा में तकनीकी की उपयोग और छात्रों के आकलन संबंधी पहलों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह परीक्षण उन्हें आधुनिक डिजिटल शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जा रहा है. यह परियोजना उत्तराखंड के उन पार्वती और दूरस्थ जिलों के विद्यालयों में चल रही है. जहां शिक्षा के संसाधन सीमित होते हैं. इन पहाड़ी और सीमांत इलाकों में अवादा फाउंडेशन और प्लेनेट स्कूल की या पहला शिक्षा के क्षेत्र में एक नई आशा की किरण बनकर उभरी है. इस कार्यक्रम से अब तक हजारों छात्रों सैकड़ों शिक्षकों और समुदाय के सदस्यों को लाभ मिला है. बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बड़ी है. तकनीकी के समय विकसित हुई है और शिक्षकों ने अपने शिक्षण में नयापन पाया है. अभिभावकों की प्रतिक्रियाएं भी अत्यंत सकारात्मक रही है. अवादा फाउंडेशन और प्लेनेट स्कूल का यह संयुक्त प्रोग्राम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर रहा है. बल्कि आने वाले समय में उत्तराखंड को डिजिटल शिक्षा में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है. अवादा फाउंडेशन ने कोविड महामारी के कठिन समय में भी उत्तराखंड के ऋषिकेश और देहरादून के ग्रामीण इलाकों में उल्लेखनीय कार्य किया है. हजारों जरूरतमंद परिवारों तक राशन की बोरियां पहुंचाई गई. साथ ही ऑक्सीजन कंसट्रेटरस और 25 BiPAP मशीन भी उपलब्ध कराई गई. ताकि जिंदगी या बचाई जा सके.
फाउंडेशन ने उत्तराखंड के 10 स्कूलों में प्रेरणादायक मोटिवेशनल स्पीच और सेशंस आयोजित किया. इसके अलावा साइबर सुरक्षा की जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ऋषिकेश के पांच स्कूलों सहित उत्तराखंड के कुल पांच स्कूलों में साइबर सिक्योरिटी वर्कशॉप्स का आयोजन किया गया। उत्तराखंड की ऋषिकेश में अवादा फाउंडेशन द्वारा 10 दिवसीय स्पोर्ट्स ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया. जिसमें स्थानीय युवाओं को खेलों की विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण दिया गया. इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों और उनके कोचों को सम्मानित भी किया गया .साथ ही खिलाड़ियों को खेल सामग्री जूते आदि वितरित किए गए ताकि वह अपने खेल को और निखार सकें.
अवादा फाउंडेशन के बारे में :
अवादा फाउंडेशन के बारे में बात करें तो, अवादा फाउंडेशन अवादा ग्रुप की एक सामाजिक शाखा है. जो भारत के 19 राज्यों में ग्रामीण और वंचित समुदाय के विकास के लिए पांच मुख्य क्षेत्र में काम करता है.
- एजुकेशन
- एंपावरमेंट एंड
- एनवायरमेंट
- हेल्थ और
- रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन
- एजुकेशन / शिक्षा : फाऊंडेशन गुन्न्वत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाता है. डिजिटल साक्षरता केंद्र चलाता है और जरूरतमंद छात्रों को वित्तीय सहायता देता है.
- एंपावरमेंट/ सशक्तिकरण : यह महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई केंद्र और कंप्यूटर ट्रेनिंग से जैसे विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम चलाता है.
- एनवायरमेंट/ पर्यावरण या बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर पर्यावरण संरक्षण का काम करता है.
- हेल्थ/स्वास्थ्य फाउंडेशन दूर दराज के इलाकों में मुक्त स्वास्थ्य शिविर एंबुलेंस सेवा और स्वच्छ पेयजल जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है.
- रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन/ग्रामीण विद्युतीकरण सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके स्वच्छ और स्थाई ऊर्जा उपलब्ध कराता है.