ऋषिकेश : उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों की बैठक में लव और लैंड जिहाद का मुद्दा गूंजा, जताई चिंता, सरकार से सख्त ऐक्शन की मांग

ऋषिकेश : राज्य में लव जिहाद और लैंड जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य निर्माण सेनानी यानी राज्य आंदोलनकारी भी चिंतित दिखे. गुरूवार को हरिद्वार रोड स्थित स्वर्गीय बडोनी हाल में आयोजित एक बैठक में सभी ने ऐसे बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है.
राज्य निर्माण सेनानी डीएस गुंसाई ने जानकारी देते हुए बताया, उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों की एक बृहद बैठक नगर निगम परिसर स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी हॉल मैं आहूत की गई थी. जिसमें वक्ताओं ने लव जिहाद तथा लैंड जिहाद जो उत्तराखंड में वर्तमान में तेजी से चल रहा है. उस पर चिंता व्यक्त की गई. वक्ताओं ने कहा कि सरकार को चाहिए इस प्रकार के लोगों का जिलेवार कठोरता से सत्यापन करवाया जाए. जितने भी ठेली वाले, फड़ लगाने वाले लोग इत्यादि हैं उन पर अंकुश लगाया जाए. अभी हाल में ही मुख्यमंत्री धामी द्वारा जो धर्मांतरण निषेध अधिनियम कानून बनाया गया. उसका सख्ती से पालन किया जाए. वक्ताओं ने यह भी कहा कि भू कानून हिमाचल की तर्ज पर तुरंत लागू किया जाए. तथा मूल निवास कट ऑफ डेट 1950 पूर्व की भांति लागू किया जाए. इससे भी काफी रोकथाम हो सकती है. राज्य निर्माण सेनानियों ने जो हाल में ही मुख्यमंत्री धामी द्वारा धर्मांतरण निषेध अधिनियम कानून बनाया गया. वह अवैध रूप से जितनी भी मजारें बनी हुई थी जो सरकारी भूमि पर कब्जा जमा कर बनाई गयी थी उस पर बुलडोजर से उनको ध्वस्त करवाया गया. इसके लिए भी हम मुख्यमंत्री धामी को बधाई देना चाहते हैं. ऐसे मामलों सरकार के साथ हैं हम. राज्य निर्माण सेनानियों ने कहा कि अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो भविष्य में इसके दुष्परिणाम साबित हो सकते हैं. ऐसे लोगों पर समय रहते अंकुश लगाना बहुत आवश्यक है.
राज्य निर्माण सेनानियों ने सरकार से यह भी मांग की पर्वतीय जिलों की संख्या भी बढ़ाई जाए. आने वाला 2026 में परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर करवाया जाए. राज्य निर्माण सेनानियों ने सरकार को चेतावनी देते कहा कि अगर ऐसे लोगों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो राज्य निर्माण सेनानी सड़कों पर उतर कर जन आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. उत्तराखंड में अभी तक पुरोला, उत्तरकाशी, देहरादून, गोचर, डोईवाला जहां भी लव जिहाद के मामले सामने आये हैं. उसकी हम सब घोर निंदा करते हैं. महीने में होने वाली बैठक अगले महीने अब 6 जुलाई को होगी यह भी बैठक में तय किया गया.
बैठक के अंत में राज्य निर्माण सेनानी शंभू प्रसाद कंडवाल, गीतार नगर निवासी गीताराम उनियाल, अमित ग्राम निवासी पुरुषोत्तम दत्त नौटियाल, ढाल वाला निवासी सूरत सिंह पुंडीर देहरादून निवासी के आकस्मिक मृत्यु पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए 2 मिनट का मौन रखकर इन चारों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. भगवान से प्रार्थना की गई इनको अपने चरणों में स्थान दे तथा ऐसे दुख की घड़ी में परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें. बैठक में मुख्य रूप से वेद प्रकाश शर्मा. डीएस गुसाईं. गंभीर मेवाड़. बलवीर सिंह नेगी. विक्रम भंडारी. हुकम पोखरियाल. महादेव सिंह राणा. बेताल सिंह धनाई. सत्य प्रकाश ज़ख्मोला. मायाराम उनियाल. जुगल किशोर बहुगुणा. बृजेश डोभाल. युद्धवीर सिंह. हरि सिंह नेगी. कुसुम लता शर्मा. उर्मिला डबराल. कमला पोखरियाल. सत्तो रामगढ़. चंद्र उनियाल. सुशीला राणा. रोशनी खरोला, जयंती नेगी, सुशीला सजवान, कमला रौतेला, पुष्पा रावत, उषा चौहान, मनोरमा चमोली, देवेश्वरी रावत, शिवानी नौटियाल सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे.