भिलाई (CG) में उत्तराखंड के योग खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन: 6 मेडल जीत कर बढ़ाया प्रदेश का गौरव

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​भिलाई/दुर्ग/छत्तीसगढ़: हाल ही में भिलाई-दुर्ग में आयोजित 6वीं राष्ट्रीय योगासन खेल प्रतियोगिता में उत्तराखंड के योगा खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। योगासन भारत के महासचिव डॉ. जयदीप आर्य के मार्गदर्शन में हुई इस प्रतियोगिता में उत्तराखंड के 28 खिलाड़ियों ने भाग लिया और कुल 6 मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया।​इस प्रतियोगिता में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन गोल्ड, दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए। इनमें शामिल हैं:
  • ​सुमीर गनावली (सीनियर पुरुष वर्ग) – 2 गोल्ड मेडल 
  • ​अग्नि ओझा (सीनियर आयु वर्ग) – 1 गोल्ड मेडल
  • रिद्धि लखेरा – 1 सिल्वर मेडल
  • ध्रुव पोखरियाल – 1 ब्रॉन्ज मेडल 

​आर्टिस्टिक ग्रुप (सीनियर महिला वर्ग) – मनीषा बिष्ट, अकुला ज्योतिका श्रेया, ज्योति, पिंकी और अंशिका रेवानी ने दूसरा स्थान प्राप्त कर एक सिल्वर मेडल जीता। ​इन खिलाड़ियों के साथ कोच टीना चौधरी और रंजीत सिंह भी मौजूद थे। उत्तराखंड योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज और अन्य पदाधिकारियों ने सभी विजेताओं को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।​आगामी प्रतियोगिताओं की बात करें तो, उत्तराखंड योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सचिव रंजीत सिंह ने बताया कि जिला देहरादून के द्वारा 20, 21 और 22 सितंबर 2025 को जूनियर, सब-जूनियर और मास्टर बी व सी वर्ग की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसमें 300 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा लेंगे और विजेताओं को विजयवाड़ा में होने वाली राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा।

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​युवाओं के लिए योग क्यों है अनिवार्य: खेल और करियर के अवसर-

​आज की दुनिया में, जहाँ प्रतिस्पर्धा और तनाव बढ़ रहा है, योग युवाओं के लिए न केवल एक शारीरिक गतिविधि है बल्कि एक जीवन शैली भी है। यह केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि एक पूर्ण अनुशासन है जो मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को संतुलित रखता है।

​युवाओं के लिए योग का महत्व-

​मानसिक स्वास्थ्य: युवाओं में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। योग के अभ्यास से मन शांत होता है, एकाग्रता बढ़ती है और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। यह छात्रों को पढ़ाई और परीक्षा के दबाव को संभालने में मदद करता है।

शारीरिक फिटनेस: योग मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाता है। यह शरीर की मुद्रा को सुधारता है, जो खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

खेल वर्ग में योगासन की भूमिका-

आजकल, योगासन को एक खेल के रूप में मान्यता मिल चुकी है। इसमें शारीरिक मुद्राएं (आसन), सांस लेने की तकनीक (प्राणायाम), और ध्यान शामिल हैं, जिनका मूल्यांकन प्रदर्शन, सटीकता और स्थिरता के आधार पर किया जाता है। योगासन अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक मान्यता प्राप्त खेल बन गया है, जो पारंपरिक खेलों के साथ अपनी जगह बना रहा है।

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​भविष्य में योगासन प्रतियोगिताओं से मिलने वाले अवसर-

योगासन प्रतियोगिताओं में भाग लेने से युवाओं के लिए करियर के कई रास्ते खुलते हैं:​राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान: योगासन प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलती है,जिससे उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।​पेशेवर करियर: योगासन अब एक पेशेवर खेल है, जिसमें खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं और खेल को एक पेशे के रूप में अपना सकते हैं।​प्रशिक्षक और कोच के अवसर: अनुभवी और सफल खिलाड़ी भविष्य में योग प्रशिक्षक या कोच बनकर दूसरों को प्रशिक्षण दे सकते हैं।​योग चिकित्सा और कल्याण उद्योग: योग के बढ़ते महत्व के कारण, योग चिकित्सा और कल्याण उद्योग में भी करियर के अवसर बढ़ रहे हैं, जहाँ प्रशिक्षित योगासन विशेषज्ञ की मांग अधिक है।​यह स्पष्ट है कि योगासन अब केवल एक अभ्यास नहीं बल्कि एक प्रतिस्पर्धी खेल है जो युवाओं के लिए एक स्वस्थ और सफल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।

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