तुलसीदास ने रामायण न लिखी होती तो संसार में ना ही राम की भक्ति होती और ना ही धर्म का जागरण होता : जगतगुरु उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य  महाराज

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  • तुलसी ने जगाया राम के प्रति भक्ति  भाव
  • श्री रामायण प्रचार समिति द्वारा गोस्वामी तुलसीदा की सजयंती श्रद्धा पूर्वक मनाई गई
  • तुलसी मानस मंदिर में हुआ भव्य कार्यक्रम महंत रवि प्रपन्नाचार्य के संयोजन में
  • कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी पहुंचे संतों से आशीर्वाद लेने
  • रामायण प्रचार समिति का ३९वां वार्षिकोत्सव था यह, 2 अगस्त से लगातार चल रहे थे कार्यक्रम
  • ऋषिकेश के बड़े धार्मिक कार्यक्रमों में से एक है यह कार्यक्रम,देश विदेश से पहुंचे हैं भक्त, संत, महत्व आम जन 

ऋषिकेश : श्री रामायण प्रचार समिति द्वारा गोस्वामी तुलसीदा की सजयंती श्रद्धा पूर्वक मनाई गई.  जगतगुरु उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य  महाराज की अध्यक्षता में चल रहे कार्यक्रम में उन्होंने  कहा कि तुलसीदास ने रामायण न लिखी होती तो संसार में ना ही राम की भक्ति होती और ना ही धर्म का जागरण होता. रविवार को 10 दिवसीय  वार्षिकोत्सव तुलसी जयंती के दिन भव्य तौर पर मनाने के बाद समापन हो गया. इस दौरान देश विदेश से संत, महात्मा, भक्त, आम जन पहुंचे आश्रम.

मालवीय मार्ग स्थित तुलसी मानस मंदिर में आयोजित  समापन कार्यक्रम गोस्वामी तुलसीदास को याद किया गया श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरी चेतनानंद ने रामचरितमानस को महान ग्रंथ और भक्ति का सागर बताया. भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, महामंडलेश्वर वृंदावन दास,  आचार्य दीपक बधानी,  आचार्य सतीश घिल्डियाल,महामंडलेश्वर विष्णु दास, महामंडलेश्वर दुर्गा दास, महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास,,महंत सूरज दास,महंत दिनेश दास, महंत सुतीक्ष्ण मुनि, महंत पहलाद दास, बंशीधर पोखरियाल,  राजीव मोहन,राघवेंद्र मोहन, हर्षवर्धन शर्मा,चंद्रवीर पोखरियाल, कैलाश चंद भट्ट, बच्चन पोखरियाल,   अशोक अरोड़ा, नि. महापौर अनिता  ममंगाई,   महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल,  सरोज डिमरी ने सभी संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया.
इस अवसर पर पहुंचे सुबोध उनियाल कृषि मंत्री ने कहा कि  गोस्वामी तुलसीदास के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके चरित्र को आत्मसात करने का आवाहन किया. इस मौके पर यज्ञ का भी आयोजन किया गया. जिसमें यज्ञ की  पूर्णाहुति में सैकड़ो श्रद्धालु  ने अपनी आहुतियां डाली.  महंत रवि प्रपन्नाचार्य  के द्वारा  संचालित कार्यक्रम में समिति के संस्थापक ब्रह्मलीन संत गोपालाचार्य शास्त्री महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए. कार्यक्रम के उपरांत सभी भक्तों ने भंडारे के प्रसाद ग्रहण किया.

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