यूपी : सांसद मेनका संजय गाँधी के फोन से महाराष्ट्र में हड़कंप.. जानिए क्यों..

रायगढ़ में अकारण माह भर से बंधक सुल्तानपुर के 90 मछुआरे हुए रिहा..

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सुल्तानपुर। ये वाकया है महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले का। जहां पर 90 मछुआरों को अकारण ही तकरीबन 29 दिनों तक अवैध रूप से बंधक बनाने का मामला प्रकाश में आया है। इसका खुलासा तब हुआ जब पीड़ित मछुआरों के परिवारीजनों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से अपना दुखड़ा रोया। मेनका गांधी ने जब महाराष्ट्र सरकार को मामले से अवगत कराया तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन- फानन में सभी ने मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए कस्टडी में रखे गए सभी मछुआरों को छोड़ दिया है।यूपी के सुल्तानपुर जिले के जयसिंहपुर,बल्दीराय,लंभुआ, चांदा आदि क्षेत्रों से संबंधित दर्जनों गांवों के सैकड़ों निषाद समाज के मछुआरे महाराष्ट्र के रायगढ़ में मजदूर के रूप में समुद्र से मत्स्य आखेट करते हैं। गत माह करीब नब्बे मछुआरे अपने मत्स्य आखेटक ठेकेदारों के साथ उनकी चौदह नौकाओं पर समुद्र में आखेट कर रहे थे। तभी समुद्र तटरक्षकों (कोस्टगार्ड) व मत्स्य विभाग के अफसरों ने बोट व नौकाओं सहित दर्जनों मछुआरों को रोक लिया। सामुद्रिक नियमों के उल्लंघन के आरोप में नौकाएं सीज करने के साथ मत्स्य आखेटक ठेकेदारों पर एक्शन लिया ही मछुआरों को भी अकारण बंधक बना लिया। जबकि वे सिर्फ दैनिक मजदूरी पर ठेकेदारों के अधीन मत्स्य आखेट करने वाले श्रमिक ही थे। कोस्टगार्ड,मत्स्य विभाग व पुलिस के सामने गुहार लगाने के बावजूद इन मछुआरों के परिजनों को कोई सफलता नहीं मिली।अंततः थक हारकर इन मछुआरों के परिवारीजनों ने निषाद पार्टी के संगठन जिला उपाध्यक्ष रमेश निषाद को साथ लेकर सुल्तानपुर की सांसद मेनका संजय गांधी के सामने दुखड़ा रोया (विदित हो कि बंधक बनाए गए अधिकांश मछुआरे सुल्तानपुर के ही निवासी हैं )। जिसपर उन्होंने रायगढ़ के फिशरीज कमिश्नर,पुलिस अधीक्षक व मुरुड पुलिस एसएचओ से वार्ता की। प्रकरण में निर्दोष मछुआरों को बंधक बनाए जाने पर अफसर कोई सफाई नहीं पेश कर सके।आखिरकार आनन फानन में सभी बंधक बनाए गए मछुआरों की तत्काल रिहाई के निर्देश उच्चाधिकारियों ने मातहतों को दे दिए हैं। कमिश्नर अतुल पाटने ने बताया कि सभी मछुआरे बोट मालिकों को सौंपे जा चुके हैं।

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