UP : सहारनपुर में हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी…की गई नहरें बंद, तटवर्ती गाँवों में बाढ़ की आशंका, सद्म ने बाढ़ सुरक्षा चौकियों के प्रभारियों को किया अलर्ट

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 उप जिलाधिकारी ने बाढ़ सुरक्षा चौकियों के प्रभारियों को किया अलर्ट

सहारनपुर बेहट। लगभग 36 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो कर रह गया हैं। आवा-जाही कम होने से बाजार रौनक हीन होने के साथ ही दुकानदारों को भारी घाटा के आसार बने हैं इतना ही नहीं भारी वर्षा के चलते शिवालिक पहाड़ियों से निकलने वाली दर्जनों बरसाती नदियों में आये उफान ने क्षेत्र में तबाही मचा रखी हैं ओर कई संपर्क मार्ग भी बाधित हो गए हैं तथा दर्जनों गांवों का संपर्क भी तहसील मुख्यालय से कट गया हैं उधर यमुना भी उफान पर हैं करीब 111000 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़े जाने से यमुना के तटवर्ती ग्रामीण भयाक्रांत हैं वहीं यमुना का फलड घोषित होते ही नहरें भी बंद कर दी गई हैं ओर इसकी सूचना मिलते ही उप जिलाधिकारी बेहट ने सभी बाढ़ सुरक्षा चौकियों के प्रभारियों को बाढ़ से बचाव के लिए अलर्ट कर दिया हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि यमुना नदी से भारी खनन न होता तो अब तक दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में होते क्योंकि खनन के चलते यमुना गहरी हो गई है।

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उल्लेखनीय हैं कि बीते 36 घंटों से शिवालिक पहाड़ियों व मैदानी क्षेत्रों में हो रही भारी वर्षा के चलते क्षेत्रवासी हलकान है। घरों से न निकल पाने के कारण वह अपने घरेलू आवश्यकताओं का आवश्यक सामान भी नहीं जुटा पा रहे हैं। आवा-जाही ठप रहने के कारण बाजार भी शुन्य व रौनक हीन दिखाई दिए वहीं ग्राहक न होने के कारण दुकानदारों के चेहरों पर भी मायूसी दिखाई दी। इतना ही नहीं शिवालिक पहाड़ियों से निकलने वाली दर्जनों बरसाती नदियों से होकर गुजरने वाले क्षेत्र के कई संपर्क मार्ग भी बाधित हो गये बसों का संचालन न हो पाने के कारण यात्रियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं साथ ही उफान से हो रहे कृषि रकबे के कटाव एवं फसलों जल भराव के कारण फसलों को भारी नुक़सान की संभावनाएं भी बलवती हो गई है जिसके चलते किसानों के चेहरे भी लटके हुए दिखाई दिए। इतना ही नहीं भारी वर्षा के कारण यमुना का जलस्तर निरंतर बढ़ता रहा अंततः शाम करीब चार बजे हथिनीकुंड बैराज से लगभग 111000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे तटवर्ती ग्रामीण भी यमुना बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं ओर यमुना में फलड घोषित होना भी ग्रामीणों की धड़कनों को बढ़ा रहा हैं यमुना का फलड घोषित होते ही नहरें भी बंद कर दी गई हैं।

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शाकंभरी देवी के दर्शनों को आए श्रद्धालुओं को रोका-

बेहट। सिद्धपीठ मां शाकंभरी देवी के दर्शनों हेतु पहुंचे श्रद्धालुओं को भी परेशानियां उठानी पड़ी क्योंकि शाकंभरी खोल में बाढ़ आने के कारण सुरक्षा कर्मियों ने श्रद्धालुओं को दर्शनों को जाने रोक दिया ओर पानी कम होने की बात कहते हुए श्रद्धालुओं को दर्शनों हेतु जाने की बात कही। कुछ श्रद्धालु तो पानी को देखकर स्वयं ही वापिस लौट गए ओर कुछ पानी के कम होने की बाट बाबा भूरादेव मंदिर पर रूक कर जोह रहे हैं।

तहसील मुख्यालय से दर्जनों गांवों का संपर्क टूटा-
बेहट। 36 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते बरसाती नदियों में आये उफान से क्षेत्र के दर्जनों गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया हैं। जिसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।

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