हरिद्वार : बाल शहीदी दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी संतों और राजनेताओं ने
- राज्यपाल केरल, आरिफ मोहम्मद खान, राज्यपाल हिमाचल शिवप्रताप शुक्ल और उपराज्यपाल जम्मू कश्मीर मनोज सिन्हा ने किया सहभाग
- कार्ष्णि आश्रम पीठाधीश्वर स्वामी गुरूशरणानन्द, जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, स्वामी हरिचेतनानन्द, स्वामी परमात्मानन्द सरस्वती, स्वामी अखिलानन्द, स्वामी यतिन्द्रानन्द, निहंग प्रमुख बलजीत सिंह, ललितानन्द, अपूर्वनन्द, दिव्य प्रेम सेवा मिशन अशीष गौतम आदि पूज्य संतों का पावन सान्निध्य
- आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के जूना अखाडा की ‘आचार्यपीठ पर पदस्थापना के अद्भुत 25 वर्ष’ पूर्ण होने के दिव्य अवसर पर हरिहर आश्रम में “दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव” का आयोजन
हरिद्वार : परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी के श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा की ‘आचार्यपीठ पर पदस्थापना के अद्भुत 25 वर्ष’ पूर्ण होने के दिव्य अवसर पर हरिहर आश्रम में आयोजित “दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव” में सहभाग कर सभी को सम्बोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल केरल, आरिफ मोहम्मद खान साहब, राज्यपाल हिमाचल प्रदेश शिवप्रताप शुक्ल और माननीय उपराज्यपाल जम्मू कश्मीर मनोज सिन्हा ने सहभाग कर सारगर्भित उद्बोधन दिया।कार्ष्णि आश्रम पीठाधीश्वर स्वामी गुरूशरणानन्द ने कहा कि आचार्य को परमात्मा से अधिक श्रेष्ठ माना गया है। शिक्षा वाणी से नहीं आचरण से दी जाती है और आचार्य अपने आचरण से शिक्षा अपने शिष्यों में स्थापित करते हैं।
स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने दत्त आराधना महोत्सव में सभी पूज्य संतों और विशिष्ट अतिथियों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती के नेतृत्व में भारत से बाहर विदेशों में एक हजार से अधिक मन्दिरों का निर्माण हुआ है। वे समन्वय के प्रतीक और उनके मार्गदर्शन में पर्यावरण संरक्षण के लिये अद्भुत कार्य किये जा रहे हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आचार्य मÛ मÛ अवधेशानन्द गिरि महाराज, भारतीय संस्कृति को प्रसारित करने हेतु अद्भुत योगदान प्रदान कर रहे हैं। पूर्णता व पूर्णिमा का साक्षात स्वरूप अवधेशानन्द गिरि जी महाराज हैं।स्वामी ने कहा कि आज वीर बलिदान दिवस है, आज के ही दिन भारत के उन नन्हें वीरों ने हिन्दू व हिन्दुस्तान की अस्मिता को बचाये रखने के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया, उनकी शाहदत को प्रणाम। स्वामी ने कहा कि वैदिक संस्कृति समरसता का संदेश देती है। वर्तमान समय में सबसे बड़ा संकट सोच का संकट है। अगर सोच को बदल लें तो सब कुछ बदल जायेगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग के माध्यम से एकत्व का संदेश दिया। माननीय मोदी जी की अच्छी सोच भी है और वे अच्छे कोच भी हैं; उनकी कोचिंग व मैचिंग भी अच्छी है।स्वामी ने कहा वर्तमान समय में समाज में तीन प्रदूषण है एक तो है वायु प्रदूषण, वाणी प्रदूषण और वैचारिक प्रदूषण इन तीनों प्रदूषणों ने समाज में विघटन पैदा किया है इसलिये सोच को बदलना होगा ओर सनातन ही है सोच की वैक्सीन।
राज्यपाल केरल, आरिफ मोहम्मद खान साहब ने कहा कि शंकराचार्य ने भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता की नई चेतना पैदा की। मठ तो इमारत है, इमारतों से एकता पैदा नहीं होती। मठों के माध्यम से उन्होंने भारत में नई चेतना को सशक्त करने के लिये संत व सन्यासी कार्य करें उसकी व्यवस्था की। संत व सन्यासी वह है जो शान्त व निर्भय स्वभाव के होते हैं और वंसत ऋतु की तरह विचरण करते हैं तथा बिना किसी स्वार्थ के दूसरों को मोक्ष प्राप्ति के लिये सहायता करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता व संस्कृति आत्मा से परिभाषित होती है।
राज्यपाल हिमाचल शिवप्रताप शुक्ल ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से पूज्य संतों का सान्निध्य व आशीर्वाद हम सभी को प्राप्त हो रहा है। संतों की तपस्या का ही परिणाम है कि 22 जनवरी को प्रभु श्री राम जी के बाल स्वरूप की स्थापना हो रही है। समाज विचलित होते रहता है परन्तु संतों दृढ़ता के साथ खड़े रहते है आज हम उस वातावरण को यहां पर देख रहे है।उपराज्यपाल जम्मू कश्मीर मनोज सिन्हा संतों के मार्गदर्शन में विभिन्न आयामों का निर्माण होता है, आध्यात्मिक विकास व सृजन की नयी शक्ति पूरे समाज को प्राप्त होता है। भारत ही एक राष्ट्र है जहां पर भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति बराबर हो रही है।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में पधारे सभी पूज्य संतों और विशिष्ट अतिथियों को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया। दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, रक्षाराज्य मंत्री अजय भट्ट, विजय शंकर मेहता, उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष, ऋतु खंडूरी, भोला, विधायक खानपुुर, उमेश शर्मा आदि अनेक विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया।