UP : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण: रोजाना धमकी देते हैं किसान



ग्रेटर नॉएडा : ( राजेश बैरागी) हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यदि किसानों ने तमाम बाधाओं के बावजूद यह धरना निरंतर नहीं रखा होता तो किसानों की लंबे समय से चली आ रही बहुत सी समस्याओं का कभी समाधान नहीं होता। परंतु यह भी सच है कि यदि प्राधिकरण में वर्तमान सीईओ रवि कुमार एनजी की नियुक्ति नहीं हुई होती तो किसानों को अभी लंबा संघर्ष करना पड़ता।
पदभार संभालने के साथ ही किसानों की समस्याओं को हर स्तर पर सुलझाने का प्रयास कर रहे वर्तमान सीईओ ने किसानों की कई मांगों को पूरा कर भी दिया है। उन्होंने पिछले दिनों किसानों के साथ हुई वार्ता में उनसे कहा भी था कि जब तक समस्याओं का समाधान न हो तब तक वे चाहें तो धरना जारी रख सकते हैं। धरना अब नब्बे दिन पूरे कर चुका है। प्राधिकरण पर प्रतिदिन किसानों की भीड़ जुटती है। समाधान की उम्मीद बढ़ने से भीड़ भी बढ़ रही है। इससे किसान नेताओं के हौसले बुलंद हैं।वे अब रोजाना अपने भाषणों में प्राधिकरण को समस्याओं का जल्द समाधान न करने पर आंदोलन उग्र होने की धमकी देते हैं। क्या यह दबाव बनाने की रणनीति है या भीड़ को थामने की रणनीति? नेताओं के लिए दोनों बातें फायदे की हैं। प्राधिकरण पर दबाव बनाने से सफलता की नजदीकी बढ़ती है और दबाव बनाने के लिए भीड़ की आवश्यकता तो है ही। हालांकि रोजाना की धमकी असरदार नहीं रहती।