सरकार प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती को तत्काल निरस्त करे, मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया तुगलकी फरमान
- अभी तक करीब 40 विधायक सरकार से प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को निरस्त कर इन पदों को प्रमोशन से भरने की मांग कर चुके हैं : नैथानी
- देश के किसी भी राज्य में ऐसा नहीं है। प्रधानाचार्य पद पर सीमित भर्ती तुगलकी फरमान है : नैथानी
- शिक्षा पर ऐसे प्रयोग ठीक नहीं हैं जिससे शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं : नैथानी
- यह परंपरा हमारी सनातन परंपरा है और यही कारण है कि अनादि काल से भारत को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त है : उत्तम सिंह असवाल
नरेन्द्रनगर /हिंडोला खाल : शनिवार को शिक्षक दिवस 5 सितंबर के उपलक्ष्य में ब्लॉक सभागार हिंडोला खाल में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान 60 शिक्षक सम्मानित हुए. शिक्षक सम्मान समारोह के आयोजन कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष उत्तम सिंह असवाल ने कहा कि वह विगत 2014 से प्रत्येक वक्त शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले शिक्षकों को अलग-अलग जगह सम्मानित करते आ रहे हैं। इस वर्ष ब्लॉक सभागार हिंडोलाखाल में 60 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। जिला अध्यक्ष उत्तम सिंह असवाल ने कार्यक्रम के प्रायोजक बी जी फाऊंडेशन ऋषिकेश का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बीजी फाउंडेशन विगत कई वर्षों से शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल एवं महिला उत्थान के कार्यक्रमों में अपना अमूल्य सहयोग करता आ रहा है। शिक्षक अर्थात गुरु का सम्मान करने की हमारी परंपरा कोई नई नहीं है, यह परंपरा हमारी सनातन परंपरा है और यही कारण है कि अनादि काल से भारत को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त है | जीवन में सफल होने के लिए शिक्षा रूपी धन सबसे महत्वपूर्ण है | शिक्षक देश के भविष्य और युवाओं के जीवन को बनाने और उसे आकार देने के लिये सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं |अर्थात सृजन और विनाश दोनो गुरु के हाथ में रहा है।सनातनी परम्परा मे गुरुओं का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा है। भले ही वर्तमान समय की शिक्षा पद्धति पूर्ण रूप से व्यवसायिक हो चुकी है लेकिन फिर भी गुरु का सम्मान अर्थात शिक्षक का सम्मान आज भी उतना ही है जितना प्राचीन समय में था |
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने सभी शिक्षकों को सम्मानित करते हुए सभी शिक्षकों को बधाइयां एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। मंत्री प्रसाद नैथानी ने शिक्षा एवं शिक्षकों की वर्तमान में दशा और दिशा पर बात करते हुए सरकार से प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती राज्य के हित में नहीं है। प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के विरोध में राजकीय शिक्षक संघ आंदोलनरत है। अभी तक करीब 40 विधायक सरकार से प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को निरस्त कर इन पदों को प्रमोशन से भरने की मांग कर चुके हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी पूरी तरह से राजकीय शिक्षकों के पक्ष में उतर चुके हैं। कहा कि सरकार को तत्काल सीधी भर्ती को निरस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य सीधी भर्ती राज्य के हित में नहीं है। इसमें अनुभव और वरिष्ठता दोनों की अनदेखी हो रही है।पूर्व शिक्षा मंत्री नैथानी ने कहा कि देश के किसी भी राज्य में ऐसा नहीं है। प्रधानाचार्य पद पर सीमित भर्ती तुगलकी फरमान है। ये शिक्षकों को हतोत्साहित करने वाला कदम है। इसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने सवाल उठाया कि आयोग से चुने गए शिक्षक एक प्रमोशन के लिए फिर से आयोग की परीक्षा देगा ये ठीक नहीं है। तकनीकी तौर पर भी इसमें खासी खामियां हैं। उन्होंने आगाह किया कि शिक्षा पर ऐसे प्रयोग ठीक नहीं हैं जिससे शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने अपने शिक्षा मंत्री कार्यकाल के बारे में कहा कि तब प्रमोशन प्रक्रिया रोकी नहीं गई। डाउनग्रेड प्रधानाचार्य बनाया गया। अब सात सालों से लोग बगैर प्रमोशन के सेवानिवृत्त हुए हैं। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष उत्तम सिंह असवाल, शशि प्रकाश भट्ट, मकान सिंह चौहान, श्याम लाल आर्य,अरुण राठौर, विनोद रौथाण, कुंदन बिष्ट, डॉ जीतेन्द्र उनियाल, अंकित सिंह, वीरेंद्र राणा, हर्षमणि किर्थवाण, राम लाल नौटियाल, पूर्णानंद चमोली, राजेंद्र चंद, राजेंद्र बुटोला, विकास चंद्र, विजय कुमार, अजय, मेल सिंह चौहान, किशोर असवाल, आशीष पंवार, शिवराम, प्रेम चंद आदि उपस्थित रहे।