बारिश के साथ आई फ्लू ने दी दस्तक, जानें लक्षण और बचाव के तरीके

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ऋषिकेश: नगर एवं आसपास के क्षेत्रों में आई फ्लू ने पावं पसारने शुरू कर दिए हैं सरकारी और प्राइवेट चिकित्सालयों में इन दिनों आई फ्लू के मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ने लगी है। सभी उम्र के लोगो के साथ ही खासतोर से स्कूली बच्चे कंजक्टिवाइटिस इंफेक्शन यानी आई फ्लू के शिकार हो रहे हैं।लगातार जारी बारिश के बाद मौसम में बदलाव एवं हवा में नमी का असर आई फ्लू के बढ़ते मामलों के रूप में देखा जा रहा है।नगर के विभिन्न स्कूलों में बच्चों द्वारा आई फ्लू की शिकायतों के बाद स्कूल प्रशासन भी सतर्क हो गया है। आँखो में लालिमा, तेज दर्द, जलन,खुजली और सुबह उठने के बाद आंखों का चिपकना आई फ्लू( आंखों का आना) के लक्षण है। इस तरह की शिकायत होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लें। नेगी आई केयर सेंटर के संचालक डॉ राजे नेगी ने जानकारी देते हुवे बताया कि मानसून के आते ही लोगो मे आंखों की बीमारियां शुरू होने लगी है, बरसात  के मौसम में नमी के कारण कंजक्टिवाइटिस का बैक्टीरिया तेजी से फैलता है। आजकल आई फ्लू के कारण लोग बहुत परेशान हैं थोड़ी सी सावधानी बरतकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। सामान्यत सात से पंद्रह दिन के भीतर संक्रमित व्यक्ति पूर्णरूप से स्वस्थ हो जाता है।                                *
आई फ्लू के लक्षण:- एक या दोनो आंखों का लाल या गुलाबी दिखाई देना। आंखों में लगातार आसूं बहते रहना। आँखो में जलन, खुजली का होना। आंखों से पानी जैसा गाढ़ा डिसचार्ज निकलना। सुबह उठते समय आंखों का चिपके रहना,आंखों पर पीला या चिपचिपा तरल जमने लगता है। आंखों में तेज दर्द एवं किरकिरी महसूस होना। हल्के बुखार की शिकायत महसूस होना।
बचाव के तरीके :-आई फ्लू( कंजक्टिवाइटिस) से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे। अपना निजी सामान जैसे तौलिया, तकिया,मोबाइल फोन, आई मेकअप किट किसी ओर को इस्तेमाल न करने दें। बार बार आँखो को छूने से बचें,उंगलियों से आंखों को मसले या रगड़ें नही, चश्मे का इस्तेमाल करें। पीड़ित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई किसी भी वस्तु को न छुएं। दिनभर में अधिक से अधिक ठंडे एवं साफ पानी से आंखों को धोते रहें।आंखों को साफ करने के लिए टिस्यू पेपर या साफ कपड़े का इस्तेमाल करें। समस्या बढ़ने पर तुंरत चिकित्सीय परामर्श जरूर लें।

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