ढालवाला : संस्कार क्या होते हैं इस विद्यालय में आ कर देखिये…आजादी के अमृत महोत्सव पर मातृ-पितृ पूजन वंदन कार्यक्रम आयोजित

ख़बर शेयर करें -

ढालवाला/ऋषिकेश : मंगलवार को विद्यालय जयदेव प्रसाद उमादत कुडियाल सरस्वती बालिका विद्या मंदिर इंटर कॉलेज 14 बीघा मुनि की रेती जिला टिहरी गढ़वाल में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में भारतीय संस्कृति के संस्कार युक्त मातृ-पितृ पूजन वंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया. विद्यालय में कार्यक्रम के दौरान कई बार भावुक पल भी देखने को मिले. छात्राएं तो भावुक हुई ही साथ में अभिभावक के भी आँखें नम होती दिखी. ये नम आँखें संस्कार के सागर के मोती जैसे होते हैं. इसका श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को जाता है…

वीडियो में देखिये मातृ-पात्र पूजन वंदन कार्यक्रम-

मुख्य अतिथि सुशीला राणा संरक्षिका गंगा सुरक्षा समिति ऋषिकेश एवं इनर व्हील क्लब ऋषिकेश की आई. एस. ओ., विशिष्ट अतिथि किरन भट्ट टोडरिया मैनेंजिग डायरेक्टर इनडो गंगा होलीडेज क्लब एवं उत्तराखण्ड की पहली राफ्टिंग व्यवसाय को चलाने वाली प्रीति पोखरियाल, विद्यालय की सह व्यवस्थापिका एवं गंगा सेवा समिति ऋषिकेश की सदस्या एवं सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य सुरेन्द्र सिंह नेगी उपस्थित रहे. विद्यालय में मातृ -पितृ पूजन में उपस्थित छात्राओं ने अपने माता-पिता के चरण धोकर पुष्प माला एवं तिलक लगाकर आरती की. इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य रजनी रावत ने सभी अतिथियों अभिभावकों एवं मातृ शक्तियों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए छात्राओं के स्वर्णिम भविष्य जो संस्कार मय रहकर विद्यालय एवं अपने माता-पिता व समाज को गौरान्वित करे ऐसा शुभ- आशीष प्रदान किया. आपको बता दें यह विद्यालय टिहरी जिले के ढालवाला क्षेत्र में पड़ता है जो ऋषिकेश से लगा हुआ है.इन पंक्तियों पर भी गौर करें…

ALSO READ:  जन दो जगहों पर भाजपा ने जिला कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किये, देखिये नाम

~माँ-बाप को भूलना नहीं~

भूलो सभी को मगर, माँ-बाप को भूलना नहीं।

उपकार अगणित हैं उनके, इस बात को भूलना नहीं।।

पत्थर पूजे कई तुम्हारे, जन्म के खातिर अरे।

पत्थर बन माँ-बाप का, दिल कभी कुचलना नहीं।।

मुख का निवाला दे अरे, जिनने तुम्हें बड़ा किया।

अमृत पिलाया तुमको जहर, उनको उगलना नहीं।।

कितने लड़ाए लाड़ सब, अरमान भी पूरे किये।

पूरे करो अरमान उनके, बात यह भूलना नहीं।।

लाखों कमाते हो भले, माँ-बाप से ज्यादा नहीं।

सेवा बिना सब राख है, मद में कभी फूलना नहीं।।

सन्तान से सेवा चाहो, सन्तान बन सेवा करो।

जैसी करनी वैसी भरनी, न्याय यह भूलना नहीं।।

सोकर स्वयं गीले में, सुलाया तुम्हें सूखी जगह।

माँ की अमीमय आँखों को, भूलकर कभी भिगोना नहीं।।

जिसने बिछाये फूल थे, हर दम तुम्हारी राहों में।

उस राहबर के राह के, कंटक कभी बनना नहीं।।

धन तो मिल जायेगा मगर, माँ-बाप क्या मिल पायेंगे?

पल पल पावन उन चरण की, चाह कभी भूलना नहीं।।

इस अवसर पर दुर्गा प्रसाद थपलियाल, प्रदीप रावत, शांति प्रकाश पांडे, कविता नेगी जी, विनिता, कविता ध्यानी, रेनू भट्ट, आशा, ऊषा, अर्चना, नमिता, लक्ष्मी, दीपिका, रंजना, कृष्णा और तृप्ति उपस्थित रहे.

ALSO READ:  टिहरी जिले में 28 और 29 दिसम्बर को समस्त जिले के SBI बैंक की शाखाओं को खुला रखने का आदेश

Related Articles

हिन्दी English